UP में शिक्षामित्रों के मुद्दे ने फिर पकड़ा तूल, सीएम योगी पर बोला जमकर हमला

मुजफ्फरनगर. राज्यसभा सांसद व आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह के नेतृत्व में सहारनपुर से शुरू की गई जन अधिकार यात्रा रविवार को मुजफ्फरनगर पहुंची। जहां राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोला।
इस दौरान संजय सिंह ने कहा कि यह जन अधिकार यात्रा पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली, किसानों के बकाया गन्ना भुगतान और किसानों के 10 साल पुराने ट्रैक्टरों को बदलने जैसे मुद्देे शामिल हैं। इसके आलावा यात्रा में यूपी के शिक्षामित्रों की समस्याओं के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया जा रहा है। सहारनपुर से शुरू हुई इस यात्रा को समापन 8 सितंबर को नोएडा में होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पदयात्रा के समापन पर नोएडा में एक विशाल जनसभा भी करेंगे।
सांसद संजय सिंह ने राष्ट्रीय जाट संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपिन सिंह बालियान के गोशाला रोड स्थित आर्केड फार्म में पत्रकारों से वार्ता करते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार पर भड़ास निकालते हुए कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार हर मोर्चें पर विफल रही है। मोदी ने हर खाते में 15 लाख रुपये लाने का वादा किया था, लेकिन किसी के खाते में 15 पैसे भी नहीं आए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2 करोड़ नए रोजगार देने का वादा भी किया था, लेकिन इसके विपरीत 84 प्रतिशत रोजगार घट गए। महंगाई कम करने के बजाय पेट्रोल और गैस सिलेंडर आदि के दाम बढ़ा दिए गए। उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि योगी सरकार ने लोगों को रोगी बना दिया है। उन्होंंने बताया कि सहारनपुर से चलकर शामली-मुजफ्फरनगर होते हुए 240 किलोमीटर चलने वाली जन अधिकार यात्रा का मकसद किसानों, बेरोजगारों, महिलाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि 8.55 लाख रुपये का लोन उद्योगपतियों को बांट दिया गया।

उन्होंने नोटबंदी को सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए कहा कि इसके कारण सिर्फ आम आदमी को ही परेशानी उठानी पड़ी है। इसके साथ ही उन्होंने लोक सभा चुनाव 2019 में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन न करने की बात भी कही। सथ ही कहा कि 80 से 100 सीटों पर आम आदमी पार्टी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव सभी सीटों पर चुनाव लड़ना अच्छा अनुभव नहीं रहा। इसलिए अब वे केवल उन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। जहां उनके प्रत्याशी जीत सकते हैं।