शिक्षकों की नियुक्ति की अर्हता के मामले में अब हर माध्यमिक कॉलेज में दो विज्ञान शिक्षक की तैयारी

इलाहाबाद : प्रदेश भर के माध्यमिक कालेजों में विज्ञान विषय के दो शिक्षकों को नियुक्त करने की तैयारी है। असल में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने जुलाई में जीव विज्ञान विषय का विज्ञापन निरस्त कर दिया था।
जीव विज्ञान भले ही विज्ञान विषय में समाहित हुआ लेकिन, उसके अंश अब भी पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। ऐसे में भौतिक, रसायन व गणित का शिक्षक बायोलॉजी पढ़ा नहीं सकेगा। उसके लिए अलग से शिक्षक रखना अब सरकार की मजबूरी बन रही है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड ही अशासकीय माध्यमिक कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति की अर्हता तय करता है। यूपी बोर्ड ने इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा है कि जीव विज्ञान मामले का प्रस्ताव शिक्षा निदेशक माध्यमिक को भेजा है, शासन उस पर अंतिम निर्णय लेगा, जो जल्द ही सामने आएगा। सूत्रों के अनुसार यूपी बोर्ड ने सुझाव दिया है कि अब कालेजों में विज्ञान विषय के दो शिक्षक रखे जाएं। इनमें पीसीएम यानी भौतिक, रसायन व गणित के साथ पीसीबी यानी भौतिक, रसायन व बायोलॉजी का भी शिक्षक नियुक्त हो, तभी पढ़ाई हो सकेगी।

दोनों की अर्हता में जोड़े नए विषय : यूपी बोर्ड ने दोनों विज्ञान शिक्षकों की नई अर्हता भी भेजी है। इसमें कई नए विषयों को जोड़ा गया है। इसके पहले 20 मार्च को यूपी बोर्ड ने विज्ञान विषय के लिए भौतिक, रसायन विज्ञान, गणित, जंतु, वनस्पति विज्ञान, माइक्रो बायोलॉजी, बायो केमिस्ट्री, बायो टेक्नोलॉजी जैसे विषयों को समाहित करके अर्हता भेजी थी। कहा था कि इनमें से कोई दो विषय से अभ्यर्थी का स्नातक होना अनिवार्य है। जबकि पहले स्नातक शिक्षक की अर्हता भौतिक व रसायन विज्ञान ही रही है।

तीन अफसरों की बनी थी कमेटी : अर्हता विवाद बढ़ने पर शासन ने यूपी बोर्ड की सचिव की अध्यक्षता में तीन अफसरों की कमेटी बनाई थी और निर्देश दिया था कि वे इस पर समग्र रिपोर्ट दें। चयन बोर्ड जीव विज्ञान का विज्ञापन रद करने के बाद उन्हीं अभ्यर्थियों से दूसरे विषयों में आवेदन ले रहा है। इसकी समय सीमा अगले माह तक है, इसीलिए यह प्रस्ताव पहले भेजा है।1ये था मामला : चयन बोर्ड ने 12 जुलाई को प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक 2016 के आठ विषयों का विज्ञापन इस आधार पर निरस्त कर दिया कि वे विषय अब पाठ्यक्रम में नहीं है। चयन बोर्ड इन अभ्यर्थियों से अब दूसरे विषयों में आवेदन करने को कह रहा है लेकिन, अर्हता के कारण अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।