नीट 2018 की प्रश्न संख्या 30 हाईकोर्ट ने किया रद्द: असफल को समान अंक देकर नए सिरे से परिणाम घोषित करें प्रश्न संख्या 30 के दो उत्तर विकल्प को कोर्ट ने माना सही

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा 2018 (नीट) के शिक्षा विषय के प्रश्न संख्या 30 को रद कर दिया है। साथ ही इस विषय के असफल सभी अभ्यर्थियों को समान अंक देकर नए सिरे से परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने सीबीएसई को यह प्रक्रिया तीन हफ्ते में पूरी करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि कटऑफ अंक तय कर संशोधित परिणाम में इससे अधिक अंक पाने वालों को चयनित किया जाए, इस कार्यवाही का पहले से चयनित अभ्यर्थियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।1यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने माधवेश कुमार तिवारी की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता विभूराय ने बहस की। मालूम हो कि नीट 2018 की परीक्षा आठ जुलाई को सीबीएसई ने कराई थी। 24 जुलाई को वेबसाइट पर ओएमआर शीट अपलोड हुई और अभ्यर्थियों से आपत्ति मांगी गई। याची को 50.67 अंक प्राप्त हुए जबकि कटऑफ 51.33 अंक है। याची का कहना है कि उसे एक अंक कम मिला है। बोर्ड ने प्रश्न संख्या 30 का ‘ए’ विकल्प सही माना है, जबकि याची ने ‘सी’ विकल्प सही मानते हुए उत्तर दिया। कई पुस्तकों का उद्धरण दिया गया। कोर्ट ने विशेष कमेटी की रिपोर्ट पर विचार किया जिसमें दोनों ही विकल्प सही माने गए। कोर्ट ने ऐसे मामलों में शीर्ष कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि यदि प्रश्न के कई विकल्प सही हैं तो संबंधित प्रश्न रद कर सभी अभ्यर्थियों को समान अंक देकर परिणाम घोषित हो। कुछ पहले से चयनित अभ्यर्थियों के अलावा असफल अभ्यर्थियों को अंक देकर परिणाम घोषित किया जाए ताकि कटऑफ से अधिक अंक पाने वालों का चयन हो सके। शीर्ष कोर्ट ने ही कहा है कि सफल व चयनित अभ्यर्थियों पर इस कार्यवाही का असर नहीं पड़ेगा।