नई दिल्ली: 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए अच्छी खबर है। अगले साल
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं की बोर्ड परीक्षा में
छात्रों को लिखित व आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा (प्रैक्टिकल) में पास होने के
लिए कुल 33 फीसद अंक ही लाने होंगे।
सीबीएसई के सूत्रों ने बताया कि यह
प्रणाली अगले साल 2019 में होने वाले 10वीं की बोर्ड परीक्षा में लागू की
जाने की संभावना है। बोर्ड की लिखित परीक्षा में पहले 80 में से 33 फीसद
अंक लाना पास होने के लिए अनिवार्य था। प्रैक्टिकल के 20 अंकों में से भी
33 फीसद अंक अनिवार्य होता था।
मार्च 2018 की परीक्षा में हुआ था बदलाव : सीबीएसई की तरफ से फरवरी 2018
में 10वीं बोर्ड की परीक्षा से पहले एक अधिसूचना जारी की गई थी कि पहले के
नियम से छात्रों को रियायत दी जाएगी। इसके जरिए छात्रों को लिखित और
प्रैक्टिकल दोनों मिलाकर 33 फीसद अंक ही पास होने के लिए चाहिए होंगे। यानी
कि छात्रों को पहले के नियम की तरह लिखित में 33 फीसद और प्रैक्टिकल में
33 फीसद अंक लाने की जरूरत नहीं होगी। 1सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी के
मुताबिक अभी इसको लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन इस बात की
संभावना बहुत अधिक है कि लिखित और आतंरिक मूल्यांकन परीक्षा में कुल 33
फीसद अंकों की व्यवस्था आगे भी जारी रह सकती है। शैक्षणिक सत्र 2016-17 तक
बोर्ड परीक्षा के लिए निर्धारित कुल 80 और आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंकों
में से अलग-अलग 33 फीसद अंक लाने की अनिवार्यता थी। अब विद्यार्थियों को
दोनों परीक्षाओं में अलग-अलग 33 फीसद अंक लाने से छूट मिलेगी। छात्र के यदि
दोनों परीक्षाओं में कुल मिलाकर 33 फीसद अंक आते हैं तो उसे पास माना
जाएगा।
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