भर्ती घोटाला-तमाम बंदिशों के बाद साल्वर गिरोह के हौसले बुलंद, एफआईआर तक सीमित है कार्रवाई

लखनऊ. यूपी की योगी सरकार के लाख दावों के बाद भी प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली और साल्वर्स गैंग पर कोई शिकंजा कसता नहीं दिख रहा है। कोई भी प्रतियोगी परीक्षा को साल्वर्स गैंग की गुंज जरूर सुनाई दे जाती है। उनके हौसले इतने बुलंद हैं कि वे आसानी से अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं।
वहीं एसटीएफ और पुलिस कुछ सदस्यों को गिरफ्तार को कर लेती है और उसके बाद कार्रवाई एफआईआर तक ही सीमित रह जाती है।
आखिर यह साल्वर्स गैंग कैसे इतना सक्रिय हैं कि उनके सदस्य परीक्षार्थी के स्थान पर बैठ कर परीक्षा दे देते हैं। ऐसा नहीं है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में साल्वर्स गैंग अब सक्रिय हैं। अखिलेश सरकार में भी साल्वर्स गैंग की सक्रियाता की चर्चाएं रही हैं।
रविवार को हुए सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में एसटीएफ ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया। स्पेशल टास्क फोर्स ने सहायक शिक्षक भर्ती 2019 में गड़बड़ी के आरोप में लखनऊ और प्रयागराज से कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें लखनऊ में 9 और प्रयागराज से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया। लखनऊ में ये गिरफ्तारी नेशनल इंटर कालेज से हुई। इसमें सरगना समेत 2 अभ्यर्थी, 5 कक्ष निरीक्षक, 1 कॉलेज स्टाफ गिरफ्तार किए गए। वहीं प्रयागराज से 2 अभ्यर्थी, 2 साल्वर और एक दलाल गिरफ्तार किया गया है।
भर्ती बोर्ड ने की गडबड़ी तो चेयरमैन होंगे जिम्मेदार-सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 21 दिसंबर को विधानसभा में कहा था कि भर्ती बोर्ड ने अगर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया तो उनके चेयरमैन सीधे जिम्मेदार होंगे। सीएम ने विधानसभा में शून्यकाल में बसपा के सुखदेव राजभर के प्रतियोगी परीक्षा में धांधली के आरोपों को खारिज किया था। सीएम ने कहा था कि पिछली सरकारों में नकल कराने वाले साल्वर गैंग जो पहले से ही सक्रिय थे, आज सब पर कार्य हो रही है। 41,500 शिक्षक की भर्ती हो, पुलिस भर्ती की बात हो, भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो रही है। 50 हजार नई पुलिस की भर्ती चालू की गई है, पारदर्शी तरीके से भर्ती के लिए हमने इंटरव्यू की प्रणाली भी हमने समाप्त कर दी है। पहले की सरकारें इंटरव्यू में पास कराने के लिये लोग झोला लेकर वसूली करते थे, जो शिकायतें आई हैं उन सभी पर सरकार ने सख्त कार्यवाही भी की है। उन्होंने यह भी कहा था कि किसी भी आयोग की परीक्षाओं में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग में हाईकोर्ट के आदेश को स्टे लिया गया था। 68,500 की भर्ती निकली गयी थी, जिसमें 41,500 पास हुए थे फिर से कापियां जांच कराई गयी है, इसमें अगर कोई गड़बड़ी सामने आई तो उनपर कार्यवाही की जायेगी।
इन परीक्षाओं के दौरान साल्वर्स गैंग के कई सदस्य हुए थे गिरफ्तार
-यूपीएसएसएससी की परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग के कई सदस्य के 2 और सदस्य पकड़े गए
यूपीएसएसएससी द्वारा आयोजित ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, एवं समाज कल्याण पर्यवेक्षक प्रतियोगी परीक्षा 2018 को लेकर यूपी एसटीएफ ने दो गैंग का भंडाफोड़ करने के बाद अब इसके दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले एसटीएफ ने छापेमारी कर दो गैंग का भंडाफोड़ किया था। टीम ने दोनों गिरोह को मिलाकर कुल 29 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। साल्वर्स के माध्यम से नकल कराने वाले गैंग के 10 सदस्य हत्थे चढ़ें थे। एसटीएफ की टीम ने लखनऊ, गोरखपुर और कानपुर से साल्वर्स गैंग के सदस्यों को धर दबोचा था।
-सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा-14 लोगों को किया गिरफ्तार
6 जनवरी 2019 को लखनऊ में स्पेशल टास्क फोर्स ने सहायक शिक्षक भर्ती 2019 में गड़बड़ी के आरोप में लखनऊ और प्रयागराज से कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें लखनऊ में 9 और प्रयागराज से 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। लखनऊ में ये गिरफ्तारी नेशनल इंटर कालेज से हुई। इसमें सरगना समेत 2 अभ्यर्थी, 5 कक्ष निरीक्षक, 1 कॉलेज स्टाफ गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं प्रयागराज से 2 अभ्यर्थी, 2 साल्वर और एक दलाल गिरफ्तार किया गया है। नेशनल इन्टर कालेज लखनऊ में हो रही सहायक अध्यापक की भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है। इस सूचना पर एसटीएफ ने लखनऊ में नेशनल इन्टर कालेज पर दबिश दी और 9 लोगों को गिरफ्तार किया।
- 30 अक्टूबर 2018-आरआरबी परीक्षा में कानपुर में एसटीएफ ने दो मुन्ना भाई पकड़े थे। यूपी एसटीएफ की कानपुर यूनिट ने परीक्षाओं में नकल कराने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया था। बताया जा रहा है कि यह गिरोह रेलवे भर्ती बोर्ड ग्रुप-डी की परीक्षा में साल्वर बैठाकर नकल कराने की फिराक में था। एसटीएफ ने इस गैंग के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
साल्वर्स गैंग इस तरह करता है काम
साल्वर्स गैंग काफी सक्रिय है। यह गैंग प्रतियोगी परीक्षाओं के वैकेंसी निकलते ही सक्रिय हो जाता है। सॉल्वर गैंग असली अभ्यर्थी से मिलती-जुलती शक्ल के सॉल्वर को परीक्षा में बैठाते हैं। फोटो मिक्सिंग कराकर ऐसा फोटो तैयार करते हैं जो असली अभ्यर्थी और सॉल्वर की शक्ल को मैच कर जाए। इसी फोटो के आधार पर सॉल्वर का फर्जी पैन कार्ड असली अभ्यर्थी के नाम पर बनाकर परीक्षा में एप्लाई किया जाता है। गैंग प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र आउट करा कर और साल्वर बैठाकर अभ्यर्थियों से मोटी रकम ऐंठते हैं।

इनका नेटवर्क बिहार और यूपी में फैला हुआ है। गैंग प्रतियोगी परीक्षा के लिए आवेदन आने से पहले ही ऐसे लोगों से संपर्क करते हैं जो परीक्षा के लिए आवेदन करना चाहते हैं। गैंग के लोग उन लोगों को परीक्षा में पास कराने का लालच देते हैं। इनके झांसे में लोग आ जाते हैं। साल्वर्स गैंग अभ्यर्थी की जगह अपने गैंग के किसी सदस्य को बैठा कर परीक्षा दिलाता है। जो सदस्य परीक्षा दे रहा होता है वह इससे पहले कई प्रतियोगी परीक्षाएं दे चुके होते हैं। इसके बदले में इन्हें पहले बीस से चालीस हजार रुपए देते हैं। रिजल्ट में सफल होने के बाद दो या तीन लाख रुपए देते हैं, वहीं अभ्यर्थी से पांच से सात लाख रुपए तक लेते हैं।