प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। 68500 शिक्षक भर्ती में
साढ़े चार हजार से अधिक अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल चुकी है। अब उनकी बारी
है, जो नियुक्ति पा चुके हैं लेकिन शिक्षक बनने की अर्हता नहीं रखते हैं।
लिखित परीक्षा में अनुत्तीर्ण और ज्वाइन कर चुके अभ्यर्थियों को बाहर करने
की तैयारी है।
प्रकरण फिलहाल शासन में विचाराधीन है, निर्णय होते ही ऐसे शिक्षकों को पहले नोटिस दी जाएगी, फिर आगे की कार्रवाई होगी। हालांकि अफसर मान रहे हैं कि यह मामला भी कोर्ट तक पहुंचेगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम 13 अगस्त, 2018 को आने के बाद शासन ने पूरे प्रकरण की जांच उच्च स्तरीय समिति से कराई थी। जांच में अफसरों को 53 ऐसे अभ्यर्थी मिले थे, जो कॉपी पर अनुत्तीर्ण थे लेकिन, वह शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने में सफल रहे हैं। अभ्यर्थी चिन्हित होने के बाद शासन ने उन्हें नोटिस जारी करके सेवा मुक्त करने की योजना बनाई।
उसी बीच सरकार ने अभ्यर्थियों की मांग पर कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन का निर्णय लिया, तब यह तय किया गया कि कॉपी पर अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका का फिर से मूल्यांकन करा लिया जाए, ताकि उन्हें सेवामुक्त करने में आसानी रहेगी। उसी के अनुरूप पुनर्मूल्यांकन में कॉपियां देखी गई। उसमें कुछ ऐसे अभ्यर्थी थे, जो चंद अंक से फेल थे, वह उत्तीर्ण होने में सफल रहे।
इसके बाद भी नियुक्ति पा चुके और दोबारा मूल्यांकन में फेल होने वालों की तादाद चार दर्जन से अधिक बताई जा रही है। शासन के निर्देश पर पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण 4700 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग कराकर नियुक्ति दी जा चुकी है, जबकि फेल होने वालों का प्रकरण शासन को भेजा गया है। इस पर अफसर मंथन कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इसकी वजह यह है कि बेसिक शिक्षा के बड़े अफसर कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि तय अर्हता पूरी न करने वालों को बाहर किया जाएगा। यही नहीं नियुक्ति पाने वाले सभी अभ्यर्थियों से इस आशय का हलफनामा भी विभाग पहले ही ले चुका है कि यदि अंक व प्रमाणपत्र आदि के साथ ही अन्य विसंगति मिलती है तो उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा। इस पर निर्णय जल्द होने के संकेत हैं।
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प्रकरण फिलहाल शासन में विचाराधीन है, निर्णय होते ही ऐसे शिक्षकों को पहले नोटिस दी जाएगी, फिर आगे की कार्रवाई होगी। हालांकि अफसर मान रहे हैं कि यह मामला भी कोर्ट तक पहुंचेगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम 13 अगस्त, 2018 को आने के बाद शासन ने पूरे प्रकरण की जांच उच्च स्तरीय समिति से कराई थी। जांच में अफसरों को 53 ऐसे अभ्यर्थी मिले थे, जो कॉपी पर अनुत्तीर्ण थे लेकिन, वह शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने में सफल रहे हैं। अभ्यर्थी चिन्हित होने के बाद शासन ने उन्हें नोटिस जारी करके सेवा मुक्त करने की योजना बनाई।
उसी बीच सरकार ने अभ्यर्थियों की मांग पर कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन का निर्णय लिया, तब यह तय किया गया कि कॉपी पर अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका का फिर से मूल्यांकन करा लिया जाए, ताकि उन्हें सेवामुक्त करने में आसानी रहेगी। उसी के अनुरूप पुनर्मूल्यांकन में कॉपियां देखी गई। उसमें कुछ ऐसे अभ्यर्थी थे, जो चंद अंक से फेल थे, वह उत्तीर्ण होने में सफल रहे।
इसके बाद भी नियुक्ति पा चुके और दोबारा मूल्यांकन में फेल होने वालों की तादाद चार दर्जन से अधिक बताई जा रही है। शासन के निर्देश पर पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण 4700 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग कराकर नियुक्ति दी जा चुकी है, जबकि फेल होने वालों का प्रकरण शासन को भेजा गया है। इस पर अफसर मंथन कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इसकी वजह यह है कि बेसिक शिक्षा के बड़े अफसर कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि तय अर्हता पूरी न करने वालों को बाहर किया जाएगा। यही नहीं नियुक्ति पाने वाले सभी अभ्यर्थियों से इस आशय का हलफनामा भी विभाग पहले ही ले चुका है कि यदि अंक व प्रमाणपत्र आदि के साथ ही अन्य विसंगति मिलती है तो उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा। इस पर निर्णय जल्द होने के संकेत हैं।
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