सूबे में तीन यूनिवर्सिटी में शिक्षक भर्ती पर विवाद, फंसा आरक्षण का पेंच

सूबे में तीन यूनिवर्सिटी में शिक्षक भर्ती पर विवाद, फंसा आरक्षण का पेंच

primary ka master, primary ka master current news, primarykamaster, basic siksha news, basic shiksha news, upbasiceduparishad, uptet
Originally published by https://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/

लखनऊ : सूबे में तीन यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल आरक्षण को लेकर अभी तक पूरी तस्वीर साफ न होने के बावजूद यहां पर पदों के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन मांग लिए गए। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के संयुक्त सचिव डॉ. जीएस चौहान की ओर से बीते सात मार्च को सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें विश्वविद्यालय को यूनिट मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू होगी। इससे पहले शिक्षकों के पदों पर आरक्षण के लिए 13 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। फिलहाल आर्डिनेंस बनाकर केंद्र सरकार ने इसे लागू करने से इंकार कर दिया। अभी राज्य को आर्डिनेंस में बदलाव कर 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करना होगा, इससे पहले ही पद विज्ञापित कर दिए गए।


ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 45 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन फॉर्म मांगे गए हैं। इसी तरह जननायक चंद्रशेखर यूनिवर्सिटी बलिया में 70 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। वहीं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में भी 63 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने केंद्रीय विवि में आर्डिनेंस 2019 लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू होगी। वह भी अभी संसद से अनुमति मिलने के बाद। वहीं उत्तर प्रदेश में अभी तक 100 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली की व्यवस्था है। ऐसे में केंद्र द्वारा जारी की गई रोस्टर प्रणाली को राज्यों के विश्वविद्यालय के आर्डिनेंस में बदलाव कर राज्य सरकार लागू करेगी। यह प्रक्रिया अभी होना बाकी है। लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार कहते हैं कि आननफानन में शिक्षकों की भर्तियां निकाला उचित नहीं है।