विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए अब
एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडेक्स (एसपीआई) स्कोर में हाईस्कूल और इंटर के अंक
नहीं जोड़े जाएंगे। ये अहम बदलाव यूजीसी रेगुलेशन-2018 के तहत किया गया है। अब एपीआई स्कोर का नए सिरे से निर्धारण होगा।
शिक्षक भर्ती में एपीआई स्कोर के आधार पर ही अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के
लिए बुलाया जाता है। अब तक एपीआई स्कोर में हाईस्कूल और इंटर के अंक भी
जोड़े जाते थे। पिछले दिनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय और कॉलेजों में हुई
शिक्षक भर्ती भी इसी आधार पर हुई थी और एपीआई स्कोर में हाईस्कूल एवं इंटर
के अंक जोड़ने के बाद ही अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। नई
व्यवस्था के तहत हाईस्कूल और इंटर के अंक एपीआई स्कोर में शामिल नहीं किए
जाएंगे। अब केवल स्नातक, परास्नातक एवं ऊपर के पाठ्यक्रमों के अंक एवं
अनुभव के अंक एपीआई स्कोर में जोड़े जाएंगे। एपीआई स्कोर का अधिकतम 100
अंकों का होगा।
इस प्रकार होगा एपीआई का निर्धारण
स्नातक - 80 फीसदी से अधिक अंक पाने पर अधिकतम 15 अंक, 60 से 80 फीसदी पर 13, 60 से 55 फीसदी पर 10 और 55 से 45 फीसदी पर पांच अंक मिलेंगे।
परास्नातक - 80 फीसदी से ऊपर 25 अंक, 80 से 60 फीसदी पर 23 अंक, 60 से 50 फीसदी पर 20 अंक मिलेंगे।
एमफिल/पीएचडी - पीएचडी लिए 30 अंक और एमफिल में 60 फीसदी से अधिक अंक पाने पर सात अंक एवं 60 से 55 फीसदी नंबर पर पांच अंक
जेआरएफ/नेट/स्लेट/सेट - जेआरएफ के लिए सात, नेट के लिए अधिकतम पांच और स्लेट/सेट के लिए अधिकतम तीन अंक निर्धारित होंगे।
रिसर्च पब्लिककेशन - अधिकतम पांच रिसर्च पब्लिकेशन ही मान्य होंगे। एक रिसर्च पब्लिकेशन के लिए दो अंक और कुल पांच रिसर्च पब्लिकेशंस के लिए अधिकतम 10 अंक होंगे।
अनुभव - टीचिंग एवं पोस्ट डॉक्टोरल एक्सपीरियंस के लिए प्रतिवर्ष के हिसाब दो अंक और पांच वर्ष के हिसाब से अधिकतम दस अंक होंगे।
अवार्ड - इंटरनेशनल/नेशनल अवार्ड के लिए अधिकतम तीन एवं राज्य स्तरीय अवार्ड के लिए अधिकतम दो अंक होंगे।
इंटरव्यू में कितने अभ्यर्थी होंगे शामिल, तय करेंगे विश्वविद्यालय
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को इस बात की छूट दे दी है कि शिक्षक भर्ती में इंटरव्यू के लिए विश्वविद्यालय अपने हिसाब से अभ्यर्थियों को बुला सकते हैं। हालांकि इस पर अभी से आपत्तियां उठने लगी हैं। शिक्षक भर्ती के कई अभ्यर्थी यह मांग कर रहे हैं कि यूजीसी तय करे कि इंटरव्यू में अभ्यर्थियों को बुलाने का मानक क्या होगा ताकि विश्वविद्यालय या कॉलेज इसमें अपनी मनमानी न कर सकें। अभ्यर्थियों की मांग है कि एपीआई स्कोर का न्यूनतम मानक तय किया जाए और इसी के हिसाब से अभ्यर्थियों को बुलाया जाए। मानक इस तरह से तय हो कि किसी अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो।
पीएचडी न करने वालों को होगा नुकसान
एपीआई स्कोर में पीएचडी के लिए अधिकतम 30 अंक निर्धारित हैं। अगर किसी अभ्यर्थी ने पीएचडी की पढ़ाई नहीं की है और वह जेआरफ या नेट है तो 30 अंक कम होने के कारण उसका एपीआई स्कोर अधिकतम 70 अंकों तक ही सीमित रह जाएगा और ऐसे में उसे इंटरव्यू में शामिल किए जाने की गुंजाइश बहुत कम रह जाएगी।
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इस प्रकार होगा एपीआई का निर्धारण
स्नातक - 80 फीसदी से अधिक अंक पाने पर अधिकतम 15 अंक, 60 से 80 फीसदी पर 13, 60 से 55 फीसदी पर 10 और 55 से 45 फीसदी पर पांच अंक मिलेंगे।
परास्नातक - 80 फीसदी से ऊपर 25 अंक, 80 से 60 फीसदी पर 23 अंक, 60 से 50 फीसदी पर 20 अंक मिलेंगे।
एमफिल/पीएचडी - पीएचडी लिए 30 अंक और एमफिल में 60 फीसदी से अधिक अंक पाने पर सात अंक एवं 60 से 55 फीसदी नंबर पर पांच अंक
जेआरएफ/नेट/स्लेट/सेट - जेआरएफ के लिए सात, नेट के लिए अधिकतम पांच और स्लेट/सेट के लिए अधिकतम तीन अंक निर्धारित होंगे।
रिसर्च पब्लिककेशन - अधिकतम पांच रिसर्च पब्लिकेशन ही मान्य होंगे। एक रिसर्च पब्लिकेशन के लिए दो अंक और कुल पांच रिसर्च पब्लिकेशंस के लिए अधिकतम 10 अंक होंगे।
अनुभव - टीचिंग एवं पोस्ट डॉक्टोरल एक्सपीरियंस के लिए प्रतिवर्ष के हिसाब दो अंक और पांच वर्ष के हिसाब से अधिकतम दस अंक होंगे।
अवार्ड - इंटरनेशनल/नेशनल अवार्ड के लिए अधिकतम तीन एवं राज्य स्तरीय अवार्ड के लिए अधिकतम दो अंक होंगे।
इंटरव्यू में कितने अभ्यर्थी होंगे शामिल, तय करेंगे विश्वविद्यालय
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को इस बात की छूट दे दी है कि शिक्षक भर्ती में इंटरव्यू के लिए विश्वविद्यालय अपने हिसाब से अभ्यर्थियों को बुला सकते हैं। हालांकि इस पर अभी से आपत्तियां उठने लगी हैं। शिक्षक भर्ती के कई अभ्यर्थी यह मांग कर रहे हैं कि यूजीसी तय करे कि इंटरव्यू में अभ्यर्थियों को बुलाने का मानक क्या होगा ताकि विश्वविद्यालय या कॉलेज इसमें अपनी मनमानी न कर सकें। अभ्यर्थियों की मांग है कि एपीआई स्कोर का न्यूनतम मानक तय किया जाए और इसी के हिसाब से अभ्यर्थियों को बुलाया जाए। मानक इस तरह से तय हो कि किसी अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो।
पीएचडी न करने वालों को होगा नुकसान
एपीआई स्कोर में पीएचडी के लिए अधिकतम 30 अंक निर्धारित हैं। अगर किसी अभ्यर्थी ने पीएचडी की पढ़ाई नहीं की है और वह जेआरफ या नेट है तो 30 अंक कम होने के कारण उसका एपीआई स्कोर अधिकतम 70 अंकों तक ही सीमित रह जाएगा और ऐसे में उसे इंटरव्यू में शामिल किए जाने की गुंजाइश बहुत कम रह जाएगी।
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