उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएसी) ने पहली बार एलटी ग्रेड शिक्षक
भर्ती परीक्षा कराई और यह परीक्षा विवादों में फंस गई। पहले ही दिन से
परीक्षा को लेकर कोई न कोई विवाद सामने आता रहा, लेकिन आयोग की
कार्यप्रणाली को लेकर उस वक्त गंभीर सवाल उठे, जब आयोग ने परीक्षा की
उत्तरकुंजी जारी किए बगैर विषयवार परिणाम घोषित करने शुरू कर दिए।
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती पिछले पिछले साल 29 जुलाई को प्रदेश के 39 जिलों
के 1760 केंद्रों में आयोजित की गई थी। परीक्षा के लिए सात लाख 63 हजार 317
अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे और इनमें से 52.3 फीसदी यानी तकरीबन चार लाख
अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा वाले दिन सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ होने से
परीक्षा संदेह के घेरे में आ गई थी और इसके बाद से अभ्यर्थियों ने मांग
शुरू कर दी थी कि परीक्षा की उत्तरकुंजी जारी की जाए, ताकि यह स्पष्ट हो
सके कि आयोग ने पेपर तैयार करवाने में कितनी गंभीरता बरती है।
अभ्यर्थियों का कहना था कि अगर आयोग उत्तरकुंजी जारी नहीं करता है तो यह योग्य अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ होगा। इतना कुछ होने के बाद भी आयोग ने उत्तरकुंजी जारी नहीं की और विषयवार परिणाम देने शुरू कर दिए। आयोग ने यह परीक्षा पहली बार कराई थी। इससे पहले मंडल स्तर पर मेरिट के आधार पर सीधी भर्ती होती थी, लेकिन उसमें भी तमाम गड़बड़ियां सामने आईं और कई मंडलों की भर्तियां निरस्त कर दी गईं। इन्हीं गड़बड़ियों के बाद शासन ने आयोग के माध्यम से लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया था, लेकिन यह परीक्षा भी विवादों में फंस गई।
बेरोजगारों के साढ़े छह करोड़ रुपये फंसे
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से परीक्षा शुल्क और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुल्क भी लिया गया। अनारक्षित श्रेणी एवं ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों से इस मद में 125 रुपये प्रति आवेदन और एससी-एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों से 65 रुपये प्रति आवेदन लिए गए। दिव्यांग अभ्यर्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया गया। इस हिसाब से शुल्क के रूप में बेरोजगार अभ्यर्थियों से तकरीबन साढ़े छह करोड़ रुपये लिए गए। परीक्षा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और अभ्यर्थियों के करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं।
अब तक कुल 1343 पदों का आया रिजल्ट
आयोग की ओर से 15 विषयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों के कुल 10768 पदों पर भर्ती की जानी है। अब तक कुल सात विषयों में 1343 पदों का परिणाम घोषित किया जा चुका है, जो कुल पदों का मात्र 12.7 फीसदी है। इसमें कृषि विषय के 19 पदों, संगीत पुरुष शाखा के आठ पदों, महिला शाखा के 60 पदों, गृह विज्ञान महिला शाखा के 269 पदों, पुरुष शाखा के एक पद, वाणिज्य के 29, उर्दू विषय के 133, शारीरिक शिक्षा के 308, होम साइंस के 269 और संस्कृत विषय के 516 पदों का परिणाम घोषित किया गया है। वहीं, घोषित परिणाम में गृह विज्ञान पुरुष शाखा का एक पद, उर्दू महिला शाखा के पांच पद और शारीरिक शिक्षा महिला शाखा के 28 पदों के लिए योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण कुल 37 पद खाली रह गए।
प्रमुख विषयों का परिणाम अब भी फंसा
आयोग ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के प्रमुख विषयों का परिणाम अब तक जारी नहीं किया है, जबकि इन्हीं विषयों में पदों की संख्या सबसे अधिक है। हिंदी में एलटी ग्रेड शिक्षकों के 1433, गणित में 1035, सामाजिक विज्ञान में 1954, कंप्यूटर में 1873 और जीव विज्ञान में एलटी ग्रेड शिक्षकों के 595 पदों का परिणाम अब तक जारी नहीं हुआ है। पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद परीक्षा पर संकट मंडराने लगा है। अभ्यर्थियों में उहोपाह की स्थिति है। भर्ती फंस गई है और अभ्यर्थियों को आशंका सता रही है कि आयोग कहीं परीक्षा को निरस्त न कर दे।
अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया भी फंसी
आयोग ने अब तक एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत जिन विषयों का परिणाम घोषित किया है, वे सभी औपबंधिक हैं। अभ्यर्थियों के अभिलेखों के सत्यापन के बाद ही उनकी नियुक्ति की संस्तुति की जाएगी। आयोग ने बीते मंगलवार को अभिलेखों के सत्यापन की तिथि घोषित कर दी थी। सत्यापन का काम 11 जून से शुरू होना है लेकिन विवाद होने के बाद अब इस प्रक्रिया पर भी संकट मंडराने लगा है।
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अभ्यर्थियों का कहना था कि अगर आयोग उत्तरकुंजी जारी नहीं करता है तो यह योग्य अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ होगा। इतना कुछ होने के बाद भी आयोग ने उत्तरकुंजी जारी नहीं की और विषयवार परिणाम देने शुरू कर दिए। आयोग ने यह परीक्षा पहली बार कराई थी। इससे पहले मंडल स्तर पर मेरिट के आधार पर सीधी भर्ती होती थी, लेकिन उसमें भी तमाम गड़बड़ियां सामने आईं और कई मंडलों की भर्तियां निरस्त कर दी गईं। इन्हीं गड़बड़ियों के बाद शासन ने आयोग के माध्यम से लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया था, लेकिन यह परीक्षा भी विवादों में फंस गई।
बेरोजगारों के साढ़े छह करोड़ रुपये फंसे
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से परीक्षा शुल्क और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुल्क भी लिया गया। अनारक्षित श्रेणी एवं ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों से इस मद में 125 रुपये प्रति आवेदन और एससी-एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों से 65 रुपये प्रति आवेदन लिए गए। दिव्यांग अभ्यर्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया गया। इस हिसाब से शुल्क के रूप में बेरोजगार अभ्यर्थियों से तकरीबन साढ़े छह करोड़ रुपये लिए गए। परीक्षा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और अभ्यर्थियों के करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं।
अब तक कुल 1343 पदों का आया रिजल्ट
आयोग की ओर से 15 विषयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों के कुल 10768 पदों पर भर्ती की जानी है। अब तक कुल सात विषयों में 1343 पदों का परिणाम घोषित किया जा चुका है, जो कुल पदों का मात्र 12.7 फीसदी है। इसमें कृषि विषय के 19 पदों, संगीत पुरुष शाखा के आठ पदों, महिला शाखा के 60 पदों, गृह विज्ञान महिला शाखा के 269 पदों, पुरुष शाखा के एक पद, वाणिज्य के 29, उर्दू विषय के 133, शारीरिक शिक्षा के 308, होम साइंस के 269 और संस्कृत विषय के 516 पदों का परिणाम घोषित किया गया है। वहीं, घोषित परिणाम में गृह विज्ञान पुरुष शाखा का एक पद, उर्दू महिला शाखा के पांच पद और शारीरिक शिक्षा महिला शाखा के 28 पदों के लिए योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण कुल 37 पद खाली रह गए।
प्रमुख विषयों का परिणाम अब भी फंसा
आयोग ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के प्रमुख विषयों का परिणाम अब तक जारी नहीं किया है, जबकि इन्हीं विषयों में पदों की संख्या सबसे अधिक है। हिंदी में एलटी ग्रेड शिक्षकों के 1433, गणित में 1035, सामाजिक विज्ञान में 1954, कंप्यूटर में 1873 और जीव विज्ञान में एलटी ग्रेड शिक्षकों के 595 पदों का परिणाम अब तक जारी नहीं हुआ है। पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद परीक्षा पर संकट मंडराने लगा है। अभ्यर्थियों में उहोपाह की स्थिति है। भर्ती फंस गई है और अभ्यर्थियों को आशंका सता रही है कि आयोग कहीं परीक्षा को निरस्त न कर दे।
अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया भी फंसी
आयोग ने अब तक एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत जिन विषयों का परिणाम घोषित किया है, वे सभी औपबंधिक हैं। अभ्यर्थियों के अभिलेखों के सत्यापन के बाद ही उनकी नियुक्ति की संस्तुति की जाएगी। आयोग ने बीते मंगलवार को अभिलेखों के सत्यापन की तिथि घोषित कर दी थी। सत्यापन का काम 11 जून से शुरू होना है लेकिन विवाद होने के बाद अब इस प्रक्रिया पर भी संकट मंडराने लगा है।
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