टीम बीएड 2011-12:- सुप्रीम कोर्ट आर्डर-16 जुलाई 2019 (TET Pursuing मैटर)
साथियों, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने टीम बीएड 2011-12 की SLP *ओमकार सिंह बनाम स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश* और हमारी दूसरी SLP *भानु प्रकाश मिश्रा बनाम स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश*
पर सुनवाई करते हुए हमारी SLP को allow कर दिया है, यानी सीधे शब्दों में हमारे पक्ष में फैसला दिया। ये आर्डर सही माने में नज़ीर बन गया है जहाँ माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के ऑर्डर, 8 मई 2018, जो कि अंतिम वर्ष के पक्ष में था और डबल बेंच के आर्डर, 30 मई 2018 को ग़लत करार देते हुए दोनों को बदल दिया है।
✳ऑर्डर के कुछ प्रमुख बिंदु
★पेज 14: *Pursuing* शब्द का अर्थ है एक व्यक्ति जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स में एडमिशन ले चुका है अर्थात प्रशिक्षणरत है।
परीक्षा परिणाम की घोषणा, परीक्षा में भाग लेना या फॉर्म भरने की अंतिम तिथि आदि TET परीक्षा में भाग लेने के मापदंड नही हो सकते। इसलिये एक उम्मीदवार जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स कर रहा है वो TET परीक्षा में बैठने के लिए पात्र होगा।
★पेज 15: हाई कोर्ट डबल बेंच के अनुसार TET का परिणाम घोषित होने से पहले टीचर ट्रेनिंग का परिणाम आ जाना चाहिए, ये राइडर उचित नही है। NCTE का क्लॉज़ 5 (ii) सरल, साफ और स्पष्ट है और उसमें किसी भी प्रकार का संदेह नही है। Cardinal Rule of Interpretation के अनुसार विशेष प्रावधान (Pursuing) की व्याख्या करते समय उसको वैसा ही पढ़ना है, उसके अर्थ में कुछ भी जोड़ा या घटाया नही जा सकता।
★पेज 16: इस केस में TET की कट ऑफ डेट तक अभ्यर्थी ट्रेनिंग कोर्स में प्रशिक्षण कर रहे थे, सभी ने TET exam पास किया और टीचर ट्रेनिंग कोर्स को भी पूरा किया। नियुक्ति के समय सभी लोगो के पास सहायक शिक्षक बनने के सारी योग्यताएं पूरी थी (TET, BEd, BTC आदि). इसलिए, कोर्ट के विचार से हाई कोर्ट के व्यू को कायम नही रखा जा सकता। सभी अभ्यर्थी स्पष्ट रूप से TET परीक्षा में बैठने और सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति के योग्य थे। उच्च न्यायालय को pursuing शब्द में किसी भी राइडर को जोड़ने की अनुमति नहीं है।
★ पेज 18: इसलिए ये स्पष्ट है कि संबंधित appellants जिनकी नियुक्ति को चुनौती दी गई थी वे TET परीक्षा में बैठने के लिए पात्र थे।
इस प्रकार हम (Supreme court) उच्च न्यायालय के आदेश को तदनुसार उक्त सीमा तक संशोधित करते है।
*प्रोफेशनल मैटर*
पेज 18, अंतिम लाइने:
बिना विज्ञान और गणित विषय (Maths and Science as one of the subject) के स्नातक पास करके भर्ती हुए लोगों का पता लगाने का काम संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को 03 माह में पूरा करने का आदेश माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिया है।
★ये पूरे आर्डर का सार (summary) मात्र है, पूरा ऑर्डर आप लोग खुद रीड कर सकते है। किसी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।
अंत मे मैं पूरी बीएड 2011-12 टीम को जीत की बधाई देता हूँ और हमारी टीम पर अंत तक विश्वास बनाये रखने के लिए धन्यवाद देता हूँ।
टीम बीएड 2011-12
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साथियों, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने टीम बीएड 2011-12 की SLP *ओमकार सिंह बनाम स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश* और हमारी दूसरी SLP *भानु प्रकाश मिश्रा बनाम स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश*
पर सुनवाई करते हुए हमारी SLP को allow कर दिया है, यानी सीधे शब्दों में हमारे पक्ष में फैसला दिया। ये आर्डर सही माने में नज़ीर बन गया है जहाँ माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के ऑर्डर, 8 मई 2018, जो कि अंतिम वर्ष के पक्ष में था और डबल बेंच के आर्डर, 30 मई 2018 को ग़लत करार देते हुए दोनों को बदल दिया है।
✳ऑर्डर के कुछ प्रमुख बिंदु
★पेज 14: *Pursuing* शब्द का अर्थ है एक व्यक्ति जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स में एडमिशन ले चुका है अर्थात प्रशिक्षणरत है।
परीक्षा परिणाम की घोषणा, परीक्षा में भाग लेना या फॉर्म भरने की अंतिम तिथि आदि TET परीक्षा में भाग लेने के मापदंड नही हो सकते। इसलिये एक उम्मीदवार जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स कर रहा है वो TET परीक्षा में बैठने के लिए पात्र होगा।
★पेज 15: हाई कोर्ट डबल बेंच के अनुसार TET का परिणाम घोषित होने से पहले टीचर ट्रेनिंग का परिणाम आ जाना चाहिए, ये राइडर उचित नही है। NCTE का क्लॉज़ 5 (ii) सरल, साफ और स्पष्ट है और उसमें किसी भी प्रकार का संदेह नही है। Cardinal Rule of Interpretation के अनुसार विशेष प्रावधान (Pursuing) की व्याख्या करते समय उसको वैसा ही पढ़ना है, उसके अर्थ में कुछ भी जोड़ा या घटाया नही जा सकता।
★पेज 16: इस केस में TET की कट ऑफ डेट तक अभ्यर्थी ट्रेनिंग कोर्स में प्रशिक्षण कर रहे थे, सभी ने TET exam पास किया और टीचर ट्रेनिंग कोर्स को भी पूरा किया। नियुक्ति के समय सभी लोगो के पास सहायक शिक्षक बनने के सारी योग्यताएं पूरी थी (TET, BEd, BTC आदि). इसलिए, कोर्ट के विचार से हाई कोर्ट के व्यू को कायम नही रखा जा सकता। सभी अभ्यर्थी स्पष्ट रूप से TET परीक्षा में बैठने और सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति के योग्य थे। उच्च न्यायालय को pursuing शब्द में किसी भी राइडर को जोड़ने की अनुमति नहीं है।
★ पेज 18: इसलिए ये स्पष्ट है कि संबंधित appellants जिनकी नियुक्ति को चुनौती दी गई थी वे TET परीक्षा में बैठने के लिए पात्र थे।
इस प्रकार हम (Supreme court) उच्च न्यायालय के आदेश को तदनुसार उक्त सीमा तक संशोधित करते है।
*प्रोफेशनल मैटर*
पेज 18, अंतिम लाइने:
बिना विज्ञान और गणित विषय (Maths and Science as one of the subject) के स्नातक पास करके भर्ती हुए लोगों का पता लगाने का काम संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को 03 माह में पूरा करने का आदेश माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिया है।
★ये पूरे आर्डर का सार (summary) मात्र है, पूरा ऑर्डर आप लोग खुद रीड कर सकते है। किसी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।
अंत मे मैं पूरी बीएड 2011-12 टीम को जीत की बधाई देता हूँ और हमारी टीम पर अंत तक विश्वास बनाये रखने के लिए धन्यवाद देता हूँ।
टीम बीएड 2011-12
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