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शिक्षकों पर कार्रवाई से पहले अनुमोदन नहीं, आयोग अधिनियम 2019 पर बनी सहमति, अभी तक बेसिक व उच्च शिक्षा के शिक्षकों पर कार्रवाई से पहले अनुमोदन का था प्रावधान

शिक्षकों पर कार्रवाई से पहले अनुमोदन नहीं, आयोग अधिनियम 2019 पर बनी सहमति, अभी तक बेसिक व उच्च शिक्षा के शिक्षकों पर कार्रवाई से पहले अनुमोदन का था प्रावधान
शिक्षकों पर कार्रवाई से पहले अनुमोदन नहीं, आयोग अधिनियम 2019 पर बनी सहमति, अभी तक बेसिक व उच्च शिक्षा के शिक्षकों पर कार्रवाई से पहले अनुमोदन का था प्रावधान

नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अधिनियम 2019 में कुछ संशोधन होंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में लॉकडाउन के दौरान 30 मार्च को बेसिक, माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा के अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक का कार्यवृत्त 8 अप्रैल को जारी किया गया। प्रस्तावित संशोधन पर विधान मंडल की मुहर लगने के बाद प्रभावी होंगे। सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन बेसिक तथा उच्च शिक्षा के शिक्षकों के दंड प्रकरण से जुड़ा है।

27 दिसंबर 2019 को जारी अधिसूचना में बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के सभी अध्यापकों के संबंध
में नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा कोई दंड आदेश पारित करने के पहले आयोग से पूर्वानुमोदन का प्रावधान किया गया था।
हालांकि बैठक में बेसिक तथा उच्च शिक्षा के अधिकारियों की ओर से दिए गए प्रस्ताव के अनुसार नियोक्ता के दंड आदेशों पर आयोग के पूर्वानुमोदन की शर्त को हटाकर उनके पुराने विभागीय प्रक्रिया को लाया जा रहा है। जबकि सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों के मामले में प्रबंधतंत्र के किसी दंडादेश के पूर्व आयोग के पूर्वानुमोदन की व्यवस्था से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।

बेसिक शिक्षा परिषद के समक्ष लंबित प्रकरणों को भी उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग तथा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की तरह नये आयोग को अंतरित किए जाने पर सहमति बनी है।27 दिसंबर 2019 की अधिसूचना में बेसिक शिक्षा परिषद के समक्ष चयन संबंधी लंबित प्रकरणों को छोड़ दिया गया था। दो अन्य संशोधनों में केवल शब्दावली का संशोधन करने पर सहमति बनी है। यह अधिनियम विधान मंडल से पारितहै, इसलिए अध्यादेश के माध्यम से इसमें संशोधन नहीं किया जा सकता। कोरोना संकट के बीच यदि विधानमंडल का सत्र आयोजित हुआ तब तो इसके पारित होने के आसार हैं अन्यथा आयोग गठन का प्रकरण अभी खटाई में ही है।

विधानमंडल द्वारा पारित मूल अधिनियम में बेसिक तथा उच्च  शिक्षा के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा के;
लिए भी नवगठित आयोग के पूर्वानुमोदन का अभूतपूर्व प्रावान किया गया था। किंतु इसे हटाकर फिर उनकी पुरानी विभागीय व्यवस्था लाई जा रही है। जबकि माध्यमिक शिक्षक संघ की सतत सक्रियता और दबाव के चलते उनकी सेवा सुरक्षा का मूल प्रावधान यथावत है। ;
-लालमणि द्विवेदी
प्रदेश महामंत्री, माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट)

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