69000 शिक्षक भर्ती: हाईकोर्ट में सरकार ने चार सवालों के दाखिल किए जवाब

लखनऊ। प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षक के 69000 पदों पर भर्ती मामले में चार विवादित सवालों के संबंध में राज्य सरकार समेत दो पक्षकारों ने हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में बृहस्पतिवार को जवाबी हलफनामा पेश किया। इसे रिकॉर्ड पर लेने के निर्देश देकर कोर्ट ने याचियों के अधिवक्ता को इसका प्रति उत्तर 30 मई
तक दाखिल करने को कहा है।


न्यायामूर्ति आलोक माथुर ने यह आदेश ऋषभ मिश्र व दो अन्य अभ्यर्थियों की याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के बाद दिया। तीन अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चार सवालों के बिवादित उत्तरों के संबंध में विशेषज्ञों की समिति गठित कर पुनर्मुल्यांकन की मांग की है। साथ ही अंतरिम राहत के तौर पर चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने की गुजारिश की है। याचियों के अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया के मुताबिक 8 मई को जारी उत्तर कुंजी में चार सवालों पर अभ्यर्थियों को आपत्ति है। इस संबंध में अध्यर्थियों ने अधिकारियों के समक्ष भी अपना पक्ष रखा, लेकिन कोई सुनवाई न होने पर हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी।

जिन प्रश्नों को लेकर विवाद है उनमें भारत में गरीबी का आकलन, नाथ संप्रदाय के प्रवर्तक, सामाजिक प्रेरक व एक परिभाषा से संबंधित सवाल हैं। इस मामले में पहले कोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य पक्षकार्रों को संक्षिप्त जवाबी हलफनामा पेश करने को समय दिया था। पक्षकारों के बकीलों ने गत शुक्रवार को कोर्ट को बताया था कि
जवाबी हलफनामा तैयार है। इस पर याचियों के अधिवक्ता ने यह कहते हुए विरोध किया कि जिन सवालों पर विवाद है उनको संक्षिप्त जवाबी हलफनामे में वर्णित नहीं किया गया हैं। 
अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने बृहस्पतिवार को विशेषज्ञों की राय के साथ जवाबी हलफनामा रजिस्ट्री में दाखिल करने की जानकारी कोर्ट को दी। अदालत ने इसे रिकॉर्ड पर लेने के निर्देश दिए। साथ ही याचियों के अधिवक्ता को इसका प्रतिउत्तर 30 मई तक दाखिल करने का मौका देकर अगली सुनवाई शनिवार को नियत की।