अंतर जनपदीय तबादले का इंतजार कर रहे प्रदेश के 80 हजार से अधिक परिषदीय शिक्षकों को झटका लगा है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री ने साफ कर दिया है कि जब तक रोक नहीं हट जाती तब तक ट्रांसफर होने का कोई सवाल नहीं है।
इस वजह से दो साल से तबादले का इंतजार कर रहे शिक्षक निराश हैं। इससे पहले जुलाई 2018 में शिक्षकों का तबादला हुआ था। इस बार अंतर जनपदीय तबादले के लिए 70838 और पारस्परिक तबादले के लिए 9641 शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान लॉकडाउन हो गया और उसके बाद सारी प्रक्रिया ठप हो गई। जानकारों की मानें तो बेसिक शिक्षा परिषद ने अपनी तैयारी पूरी कर रखी है। ट्रांसफर की फाइल मुख्यमंत्री के पास पड़ी है, लेकिन इलेक्ट्रानिक मीडिया से बातचीत में मंत्री सतीश द्विवेदी ने साफ किया है कि जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार हर विभाग में स्थानान्तरण की प्रक्रिया रुकी है। विशेष परिस्थितियों में ही मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार से स्थानान्तरण हो रहा है। ऐसे में बेसिक शिक्षा के अंतर जनपदीय तबादले का सवाल ही नहीं है। जब रोक हटेगी तब देखा जाएगा।
इस वजह से दो साल से तबादले का इंतजार कर रहे शिक्षक निराश हैं। इससे पहले जुलाई 2018 में शिक्षकों का तबादला हुआ था। इस बार अंतर जनपदीय तबादले के लिए 70838 और पारस्परिक तबादले के लिए 9641 शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान लॉकडाउन हो गया और उसके बाद सारी प्रक्रिया ठप हो गई। जानकारों की मानें तो बेसिक शिक्षा परिषद ने अपनी तैयारी पूरी कर रखी है। ट्रांसफर की फाइल मुख्यमंत्री के पास पड़ी है, लेकिन इलेक्ट्रानिक मीडिया से बातचीत में मंत्री सतीश द्विवेदी ने साफ किया है कि जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार हर विभाग में स्थानान्तरण की प्रक्रिया रुकी है। विशेष परिस्थितियों में ही मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार से स्थानान्तरण हो रहा है। ऐसे में बेसिक शिक्षा के अंतर जनपदीय तबादले का सवाल ही नहीं है। जब रोक हटेगी तब देखा जाएगा।