अब शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों को मानदेय राज्य स्तर से दिया जाएगा। इससे न सिर्फ उन्हें समय से मानदेय मिलेगा बल्कि अन्य जिलों में एक ही प्रमाणपत्रों पर तैनात संविदा शिक्षकों की पकड़ भी हो पाएगी।
पीएफएमएस पोर्टल पर इन सबको लाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। सितम्बर से मानदेय इसी प्रणाली से दिए जाने की योजना है। अनुदेशकों व शिक्षामित्रों का मानदेय अब भी सीधे खाते में ऑनलाइन ही दिया जाता है लेकिन इसे बैंकों में आरटीजीएस के माध्यम से भेजा जाता है। ये जिले तक ही सीमित रहता है लेकिन अब इसे पीएफएमएस पोर्टल के मार्फत भेजे जाने की तैयारी है। इसके लिए जिलों से बैंक इनवॉयस मांगी गई हैं ताकि इन्हें पोर्टल पर पंजीकृत किया जा सके।
दो जगह होने पर होगी पकड़ः पहले चरण में जिलों से ही इसके मार्फत मानदेय भेजा जाएगा। दूसरे चरण में सितम्बर तक इसे राज्य स्तर तक लागू किया जा सकता है। पीएफएमएस के जरिए भेजे जाने पर यह भी पता चल सकेगा कि एक ही प्रमाणपत्र पर कितने शिक्षामित्र या अनुदेशक तैनात हैं यानी केजीबीवी के अनामिका प्रकरण जैसे मामले इससे पकड़ में आ सकेंगे क्योंकि राज्य स्तरीय डाटा इस पर रहेगा। वहीं अब मानदेय भी बजट आते ही दिया जा सकेगा। किसी भी वित्तीय शिकायत पर तुरंत जांच हो सकेगी।
ये होंगे फायदे
बेसिक शिक्षा विभाग में चरणबद्ध तरीके से सभी खातों को पीएफएमएस पर लाया जा रहा है ताकि फण्ड ट्रांसफर के साथ पारदर्शिता बनी रहे | यहां तक कि स्कूल प्रबंधन समितियों के खाते भी इस पर पंजीकृत किए गए हैं।
पीएफएमएस पोर्टल पर इन सबको लाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। सितम्बर से मानदेय इसी प्रणाली से दिए जाने की योजना है। अनुदेशकों व शिक्षामित्रों का मानदेय अब भी सीधे खाते में ऑनलाइन ही दिया जाता है लेकिन इसे बैंकों में आरटीजीएस के माध्यम से भेजा जाता है। ये जिले तक ही सीमित रहता है लेकिन अब इसे पीएफएमएस पोर्टल के मार्फत भेजे जाने की तैयारी है। इसके लिए जिलों से बैंक इनवॉयस मांगी गई हैं ताकि इन्हें पोर्टल पर पंजीकृत किया जा सके।
दो जगह होने पर होगी पकड़ः पहले चरण में जिलों से ही इसके मार्फत मानदेय भेजा जाएगा। दूसरे चरण में सितम्बर तक इसे राज्य स्तर तक लागू किया जा सकता है। पीएफएमएस के जरिए भेजे जाने पर यह भी पता चल सकेगा कि एक ही प्रमाणपत्र पर कितने शिक्षामित्र या अनुदेशक तैनात हैं यानी केजीबीवी के अनामिका प्रकरण जैसे मामले इससे पकड़ में आ सकेंगे क्योंकि राज्य स्तरीय डाटा इस पर रहेगा। वहीं अब मानदेय भी बजट आते ही दिया जा सकेगा। किसी भी वित्तीय शिकायत पर तुरंत जांच हो सकेगी।
ये होंगे फायदे
बेसिक शिक्षा विभाग में चरणबद्ध तरीके से सभी खातों को पीएफएमएस पर लाया जा रहा है ताकि फण्ड ट्रांसफर के साथ पारदर्शिता बनी रहे | यहां तक कि स्कूल प्रबंधन समितियों के खाते भी इस पर पंजीकृत किए गए हैं।