प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 के तहत 15 में से 13 विषयों का रिजल्ट घोषित कर दिया है। पेपर लीक प्रकरण में फंसी इस परीक्षा का रिजल्ट चौंकाने वाला रहा है। आयोग ने 7481 पदों का रिजल्ट घोषित किया है। उसमें 3237 पद खाली रह गए।
अभ्यर्थी खाली पदों को भरने की मांग उठाने लगे हैं। इसके मद्देनजर अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल आयोग अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार से मिल चुका है। आयोग को खाली पदों को भरने के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी करके लिखित परीक्षा करानी होगी। वहीं, लॉकडाउन के कारण आयोग का काम काफी पिछड़ चुका है। ऐसे में आयोग का जोर लंबित परीक्षाएं जल्द निस्तारित करने पर है। उसके लिए संशोधित परीक्षा कैलेंडर भी जारी कर दिया है।
एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मेरिट के आधार पर निकाली थी। लेकिन, सत्ता बदलने पर योगी सरकार ने अखिलेश का नियम बदलकर लिखित परीक्षा कराकर एलटी शिक्षकों की भर्ती कराने का निर्णय लिया। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को मिली। आयोग ने पहली बार 29 जुलाई 2018 को 15 विषयों की लिखित परीक्षा कराई। परीक्षा के दिन वाराणसी में हंिदूी व सामाजिक विज्ञान विषय का पेपर लीक हो गया। वाराणसी एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की और आयोग की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजू कटियार, प्रिंटिंग प्रेस के डायरेक्टर सहित कुछ अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में अंजू कटियार को जमानत मिल गई। लेकिन, एसटीएफ की कार्रवाई अभी चल रही है। इससे आयोग ने हंिदूी व सामाजिक विज्ञान विषय का रिजल्ट जारी नहीं किया। वहीं, अभी तक घोषित 13 विषयों के रिजल्ट में सिर्फ वाणिज्य व जीव विज्ञान विषय का पद ही भरा है। बचे पदों को भरने के लिए सारी कवायद नए सिरे से करनी होगी। पेपर लीक से यह परीक्षा विवादित हो गई थी। इससे आयोग बिना शासन के निर्देश के कोई कार्रवाई करने से बच रहा है।
लॉकडाउन से लोकसेवा आयोग की व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव
इन विषयों में खाली पद
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में खाली पदों की संख्या काफी अधिक है। इसमें अंग्रेजी में एक, गणित में 600, विज्ञान में 961, कला में दो, कंप्यूटर में 1637, उर्दू में आठ, शारीरिक शिक्षा में 28 पद खाली हैं।
अभ्यर्थी खाली पदों को भरने की मांग उठाने लगे हैं। इसके मद्देनजर अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल आयोग अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार से मिल चुका है। आयोग को खाली पदों को भरने के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी करके लिखित परीक्षा करानी होगी। वहीं, लॉकडाउन के कारण आयोग का काम काफी पिछड़ चुका है। ऐसे में आयोग का जोर लंबित परीक्षाएं जल्द निस्तारित करने पर है। उसके लिए संशोधित परीक्षा कैलेंडर भी जारी कर दिया है।
एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मेरिट के आधार पर निकाली थी। लेकिन, सत्ता बदलने पर योगी सरकार ने अखिलेश का नियम बदलकर लिखित परीक्षा कराकर एलटी शिक्षकों की भर्ती कराने का निर्णय लिया। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को मिली। आयोग ने पहली बार 29 जुलाई 2018 को 15 विषयों की लिखित परीक्षा कराई। परीक्षा के दिन वाराणसी में हंिदूी व सामाजिक विज्ञान विषय का पेपर लीक हो गया। वाराणसी एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की और आयोग की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजू कटियार, प्रिंटिंग प्रेस के डायरेक्टर सहित कुछ अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में अंजू कटियार को जमानत मिल गई। लेकिन, एसटीएफ की कार्रवाई अभी चल रही है। इससे आयोग ने हंिदूी व सामाजिक विज्ञान विषय का रिजल्ट जारी नहीं किया। वहीं, अभी तक घोषित 13 विषयों के रिजल्ट में सिर्फ वाणिज्य व जीव विज्ञान विषय का पद ही भरा है। बचे पदों को भरने के लिए सारी कवायद नए सिरे से करनी होगी। पेपर लीक से यह परीक्षा विवादित हो गई थी। इससे आयोग बिना शासन के निर्देश के कोई कार्रवाई करने से बच रहा है।
लॉकडाउन से लोकसेवा आयोग की व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव
इन विषयों में खाली पद
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में खाली पदों की संख्या काफी अधिक है। इसमें अंग्रेजी में एक, गणित में 600, विज्ञान में 961, कला में दो, कंप्यूटर में 1637, उर्दू में आठ, शारीरिक शिक्षा में 28 पद खाली हैं।