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किताबों की ढुलाई कराए जाने से बेसिक शिक्षकों में रोष, स्कूल तक किताबें पहुंचाने के लिए 13 लाख 95 हजार रुपये विभाग को मिले

शासन की ओर से परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की किताबें प्राथमिक स्कूल तक पहुंचाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को ढुलाई के लिए 13 लाख 95 रुपये की रकम दी गई है। इसके बाद भी खंड शिक्षा अधिकारी पर शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि वे ब्लॉक संसाधन केन्द्र से किताबें उठाने का दबाव बना रहे हैं। प्राथमिक
शिक्षक प्रशिक्षित एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष विनय सिंह ने बताया कि बीआरसी से किताबें स्कूल तक पहुंचाने का आदेश है। शिक्षकों को 14-15 किलोमीटर दूर अपना किराया खर्च करके किताबें लेने आना पड़ रहा है। किताबें न ले जाने पर कार्रवाई की धमकी दी जा रही है। पूरी किताबें भी बीआरसी पर नहीं पहुंची है। शिक्षकों को दो से तीन चक्कर काटना पड़ रहे हैं।राज्य परियोजना निदेशालय की ओर प्रदेश के 75 जिलों के परिषदीय स्कूलों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को निशुल्क दी जाने वाली किताबों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए ढुलाई के सात करोड़ लाख बारह हजार चार सौ पन्द्रह रूपए की धनराशि अवमुक्त की है। ताकि शिक्षकों को कोरोना से बचाया जा सके। लखनऊ के 8 ब्लाकों के 1800 से अधिक स्कूलों में किताबें पहुंचाने के . लिए 13 लाख 95 हजार रूपए की धनराशि अवमुक्त हुई है। क्‍ इसके बाद भी खंड शिक्षा अधिकारी मोहनलालगंज, गोसाईगंज समेत अन्य ब्लाकों के अधिकारी शिक्षकों पर दबाव बनाकर बीआरसी से किताबें उठवा रहे हैं।

किसी शिधक पर दबाव नहीं डाल रहे

बीएसएस दिनेश कुमार का कहना है
कि किसी शिक्षक को किताबें उठाने
के लिए बाध्य नहीं किया जा रहा है।
जो शिक्षक विद्यालय के पास में रहते
हैं। वह अपने बच्चों की किताबें स्वयं ले
जा सकते हैं। लेकिन इस बाबत किसी
पर कोई जोर नहीं डाला जा रहा है।

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