स्कूलों की ऑनलाइन कक्षाओं का समय तय, प्री-प्राइमरी के लिए 30 मिनट और पहली से आठवीं तक 45 मिनट तय:- शिक्षकों-अभिभावकों केलिए भी सुझाव

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पहली से लेकर 12वीं कक्षा के छात्रों केलिए प्रतिदिनके हिसाब से ऑनलाइन कक्षा की अवधि और संख्या निर्धारित कर दी है। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को इससंबंध में नए दिशा-निर्देशों का ऐलान किया। प्राज्ञता पेशकिया: निशंक ने ट्वीट कर कहा, स्कूलों के
प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों के लिए डिजिटल शिक्षा दिशा-निर्देश 'प्राज्ञाता' पेश कर रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि इसमें डिजिटल शिक्षा के दौरान मानसिक एवं शारीरिक तनाव से निपटने सहित छात्रों आदि के लिए अन्य मुद्दों पर अनुशंसाएं की गई हैं। मंत्री ने कहा डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा पर ये दिशा-निर्देश बेहतर गुणवत्ता के साथ ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने में मददगार होंगे। दिशा-निर्देशों में डिजिटल पहुंच वाले, सीमितडिजिटल पहुंच वाले याडिजिटल पहुंच से वंचित छात्रों, सभी के लिए एनसीईआरटी के वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर के उपयोग पर जोर दिया गया है | उन्होंने डिजिटल शिक्षा के दौरान शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े आयाम पर ध्यान देने पर जोर दिया।

प्री-प्राइमरी : छात्रों के लिए
ऑनलाइन कक्षाएं 30 मिनट से
अधिक नहीं होनी चाहिए। पूर्व
प्राथमिक कक्षा के लिए नियत दिन
में अभिभावकों के साथ चर्चा करने
की बात कही गई है जो 30 मिनट
की हो सकती है।

पहली से आठवीं कक्षा : पहली
कक्षा से आठवीं कक्षा के छात्रों के
लिए एक दिन में दो ऑनलाइन सत्र
से अधिक आयोजित न हों। प्रत्येक
का समय 45 मिनट तक हो।

नौवीं से 12वीं कक्षा : नौवीं से
12वीं कक्षा के लिए एक दिन में चार
सत्र से ज्यादा न हों। प्रत्येक की
अवधि 30 से 45 मिनट तक हो।


---+ यह भी तिफारिश ॥--
पहली से 12वीं कक्षा के छात्रों को
एनसीईआरटी के वैकत्पिक अकादमिक
कैलेंडर को अपनाने की सिफारिश की गई है।

-- आठ कदम सुझाये —
1. योजना 2 समीक्षा 3. व्यवस्था
4. मार्गदर्शन 5. वार्ता 6. कार्य
7 . निगरानी 8 . सराहना

शिक्षकों-अभिभावकों के लिए भी सुझाव
स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों के लिए सुझाव दिए गए हैं जिनमें मूल्यांकन की जरूरत, ऑनलाइन शिक्षा के दौरान अवधि, समावेश, ऑनलाइन संतुलन, ऑफलाइन गतिविधि आदि से संबंधित हैं।