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बेसिक शिक्षा में कर्मचारियों का मूल्यांकन होगा, शिक्षकों से लेकर बीईओ व बीएसए तक के मूल्यांकन के मानक तय:- कॉर्पोरेट कंपनियों की तर्ज पर होगा काम

तबादले मानकों के आधार पर....अध्यापक पुरस्कार के अलग मानक, शिक्षकों से लेकर खण्ड व बेसिक शिक्षा अधिकारियों तक की गोपनीय आख्या भी मानकों पर आधारित होगी। बेसिक शिक्षा विभाग प्रदेश का संभवत: पहला विभाग होगा, जहां कॉर्पोरेट कंपनियों की तर्ज पर कर्मचारियों के मूल्यांकन की व्यवस्था लागू की गई
है। इसमें पहले से निर्धारित परफार्मेंस इंडकेटर के आधार पर कर्मचारी-शिक्षक पहले स्वयं का मूल्यांकन करेगा और इसके बाद ही उसके वरिष्ठ उनकी गोपनीय आख्या लिखेंगे।शिक्षक व प्रधानाचार्यों की गोपनीय आख्या के लिए मानक जनवरी में ही निर्धारित किए जा चुके हैं। सोमवार को बीएसए व बीईओ की गोपनीय आख्या के मानक भी तय कर दिए गए हैं। इनकी विशेषता है कि इन मानकों पर उन्हें खुद को पहले नंबर देना होगा। मसलन, ऑपरेशन कायाकल्प के लिए 5 से 15 नंबर निर्धारित हैं तो बताना होगा कि वे इसमें अपने को कितने नंबर देंगे। अध्यापकों या प्रधानाध्यापकों को निर्माण कार्य नहीं करवाना होता है तो इसके लिए उनके प्रयास या प्रस्ताव पर ही नंबर दिए जाएंगे। जिले, खण्ड, स्कूलों का प्रदर्शन, लर्निंग आउटकम के रिजल्ट समेत कई बिन्दु इसमें शामिल हैं। स्कूल प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, ऑपरेशन कायाकल्प, मिशन प्रेरणा के हर बिन्दु को इसमें समाहित किया गया है, मसलन किताबें, स्वेटर, जूते-मोजे समय से बंटे या नहीं, प्रवेश कितने हुए, कब हुए, स्कूल में पोषण वाटिका, लाइब्रेरी, आदि के लिए अंक निर्धारित हैं। बीईओ हैं तो शिक्षकों के आवेदनों के निस्तारण का प्रतिशत कितना रहा। बीएसए हैं तो स्कूलों से लेकर न्यायालयों में चल रहे वादों पर कितनी कार्रवाई हुई, इन सबको नापा जाएगा। इसी तरह शिक्षकों के तबादलों व राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए भी मानक तय किए गए हैं। गोपनीय आख्या के मानक हर साल के लक्ष्य के हिसाब से बदले जाएंगे और इसे ऑनलाइन किया जाएगा। सभी कर्मचारियों व अधिकारियों की सर्विस बुक ऑनलाइन होने के बाद गोपनीय आख्या भी ऑनलाइन होगी, लिहाजा सर्विस रिकार्ड छुपाने का खेल भी अब नहीं चल पाएगा।

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