उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की
चल रही भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment) में भारांक पाने
को लेकर रस्काकशी देखने को मिल रही है। इस शिक्षक भर्ती (UP 69000
Assistant Teacher
Recruitment) में विभाग में संविदा पर पढ़ा रहे शिक्षकों से लेकर नियमित बीटीसी (Regular BTC) करने वाले शिक्षामित्र (Shikshamitra) तक ने दावा ठोक दिया है। इस भर्ती में अलग-अलग तरह के दावे देखने को मिल रहे हैं। कस्तूरबा विद्यालय में कार्यरत शिक्षिकाओं ने शिक्षामित्रों (Shikshamitra) के तर्ज पर अनुभव के आधार पर वेटेज (Weightage) मांगा है। अनुदेशकों (Anudeshak) ने भी इस भर्ती में शिक्षामित्रों की तरह ही भारांक पाने के लिए हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में केस दाखिल किया है। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने शिक्षकों को वेटेज दिए जाने के लिए विभाग और सरकार से जवाब तलब किया है।
69 हजार शिक्षक भर्ती: एमआरसी मुद्दे पर जवाब तलब, परीक्षा निरस्तीकरण के मामले में 7 जुलाई को सुनवाई
69 हजार शिक्षकों
की भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment) में इलाहाबाद हाईकोर्ट
(Allahabad High Court) में कस्तूबा बालिका विद्यालय में पढ़ाने वाली
अध्यापिका भी पहुंची हैं। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में इनकी तरफ से
दायर की गई याचिका में शिक्षामित्रों (Shikshamitra) की तर्ज पर अध्यापन
के अनुभव के आधार पर वरीयता (Weightage) दिए जाने की मांग की है। वरीतया
देने की मांग को लेकर दायर याचिका में राज्य सरकार से जवाब मांगा गया है।
राज्य सरकार से जवाब तलब न्यायमूर्ति नीता अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने रीति चौधरी व 35 अन्य की याचिका पर दिया है। उप्र बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 14 के परिशिष्ट 1 क्लाज 6 की वैधानिकता को याचिका कर्ताओं ने चुनौती दी है। कस्तूरबा विद्यालय की शिक्षिकाओं का कहना है कि उनकी नियुक्ति सर्व शिक्षा अभियान के तहत की गई है। बालिका विद्यालयों में हम लोगों की तैनाती की गई है लेकिन हम लोगों को विभाग की तरफ से अध्यापक नहीं माना जाता है। कोर्ट (Allahabad High Court) में दायर याचिका में उन्होंने अध्यापक का दर्जा भी दिलाए जाने की मांग की है।
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उत्तर प्रदेश
सरकार की तरफ से 69 हजार सहायक शिक्षकों की जा रही भर्ती (UP 69000
Assistant Teacher Recruitment) में बहुत ही अलग तरह से नियमों को बनाया
गया है। इस शिक्षक भर्ती में उन शिक्षामित्रों (Shikshamitra) को वेटेज
(Weightage) नहीं दिया जा रहा है, जिन्होंने पत्राचार की बजाए रेग्युलर
बीटीसी कोर्स किया है।
रेग्युलर बीटीसी कोर्स करने वाले शिक्षामित्रों को वेटेज (Weightage) न दिए जाने पर अब कोर्ट (Allahabad High Court) ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने यह आदेश सर्वेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है। 25 अंकों का वेटेज न दिए जाने पर सरकार की तरफ से अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है। बता दें नियमित रूप से बीटीसी का कोर्स पूरा करने वाले शिक्षामित्रों (Shikshamitra) को विभाग ने फिर से ज्वाइन भी करा लिया, लेकिन इसके बाद भी उन्हें लाभ नहीं दिया गया है। इस भर्ती में याचीगण ने खुद को शिक्षा मित्र दर्शाते हुए कॉलम 14 में बीटीसी (BTC) का माध्यम रेग्युलर दर्शाया है।
याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह ने बताया कि याचीगण प्राथमिक स्कूलों में बतौर शिक्षामित्र पढ़ा रहे हैं। उन्हें सरकार की तरफ से 10 प्रतिशत का वेटेज देकर रेग्युलर बीटीसी कोर्स भी कराया गया। इस भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment) में सभी ने अपने आवेदन में अनुभव प्रमाणपत्र भी लगाए, लेकिन अब उन्हें ही भारांक नहीं दिया जा रहा है। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 7 जुलाई तय की है।
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69 हजार सहायक
अध्यापक भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment) में जूनियर
स्कूलों में पढ़ा रहे अनुदेशकों ने भी सरकार से भारांक (Weightage) मांगा
है। अनुदेशकों ने भी शिक्षामित्रों (Shikshamitra) की तरह से ही प्रतिवर्ष
2.5 अंक के हिसाब से भारांक (वेटेज नंबर) (Weightage) देने की मांग की है।
प्रदेश के दर्जनों अनुदेशकों की तरफ से दाखिल याचिका पर 15 जून को सुनवाई
करते हुए हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने प्रदेश सरकार और अन्य
पक्षकारों से पूरी जानकारी मांगी है। इस मामले की सुनवाई भी कोर्ट
(Allahabad High Court) में सात जुलाई को होगी। न्यायमूर्ति रोहित रंजन
अग्रवाल ने अनूप कुमार समेत 20 अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश
दिया है। याची के अधिवक्ता उदय नारायण खरे ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से
कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि अनुदेशक के तौर पर पिछले सात वर्षों से
प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने टीईटी (TET) और सुपर टीईटी
(Super TET) की परीक्षाएं पास की हैं।
कोर्ट (Allahabad High Court) को अधिवक्ता ने यह भी बताया कि अनुदेशक परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई के अलावा अन्य सरकारी कार्य जैसे चुनावी ड्यूटी, बीएलओ (BLO), मतगणना और परीक्षा ड्यूटी सहित अन्य कार्यों में लगातार भाग ले रहे हैं। कोर्ट को बताया गया कि अनुदेशकों को सरकार मानदेय भी कम दे रही है। ऐसे में अब सरकार भर्ती में इन्हें कुछ लाभ प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुपर टीईटी पास शिक्षामित्रों (Shikshamitra) को 2.5 अंक का भारांक (Weightage) देने का निर्णय भी लिया हुआ है।
Recruitment) में विभाग में संविदा पर पढ़ा रहे शिक्षकों से लेकर नियमित बीटीसी (Regular BTC) करने वाले शिक्षामित्र (Shikshamitra) तक ने दावा ठोक दिया है। इस भर्ती में अलग-अलग तरह के दावे देखने को मिल रहे हैं। कस्तूरबा विद्यालय में कार्यरत शिक्षिकाओं ने शिक्षामित्रों (Shikshamitra) के तर्ज पर अनुभव के आधार पर वेटेज (Weightage) मांगा है। अनुदेशकों (Anudeshak) ने भी इस भर्ती में शिक्षामित्रों की तरह ही भारांक पाने के लिए हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में केस दाखिल किया है। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने शिक्षकों को वेटेज दिए जाने के लिए विभाग और सरकार से जवाब तलब किया है।
अनुभव के आधार पर भर्ती में मिले वरीयता
राज्य सरकार से जवाब तलब न्यायमूर्ति नीता अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने रीति चौधरी व 35 अन्य की याचिका पर दिया है। उप्र बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 14 के परिशिष्ट 1 क्लाज 6 की वैधानिकता को याचिका कर्ताओं ने चुनौती दी है। कस्तूरबा विद्यालय की शिक्षिकाओं का कहना है कि उनकी नियुक्ति सर्व शिक्षा अभियान के तहत की गई है। बालिका विद्यालयों में हम लोगों की तैनाती की गई है लेकिन हम लोगों को विभाग की तरफ से अध्यापक नहीं माना जाता है। कोर्ट (Allahabad High Court) में दायर याचिका में उन्होंने अध्यापक का दर्जा भी दिलाए जाने की मांग की है।
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रेग्युलर बीटीसी कोर्स करने वालों ने मांगा वेटेज
रेग्युलर बीटीसी कोर्स करने वाले शिक्षामित्रों को वेटेज (Weightage) न दिए जाने पर अब कोर्ट (Allahabad High Court) ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने यह आदेश सर्वेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है। 25 अंकों का वेटेज न दिए जाने पर सरकार की तरफ से अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है। बता दें नियमित रूप से बीटीसी का कोर्स पूरा करने वाले शिक्षामित्रों (Shikshamitra) को विभाग ने फिर से ज्वाइन भी करा लिया, लेकिन इसके बाद भी उन्हें लाभ नहीं दिया गया है। इस भर्ती में याचीगण ने खुद को शिक्षा मित्र दर्शाते हुए कॉलम 14 में बीटीसी (BTC) का माध्यम रेग्युलर दर्शाया है।
याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह ने बताया कि याचीगण प्राथमिक स्कूलों में बतौर शिक्षामित्र पढ़ा रहे हैं। उन्हें सरकार की तरफ से 10 प्रतिशत का वेटेज देकर रेग्युलर बीटीसी कोर्स भी कराया गया। इस भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment) में सभी ने अपने आवेदन में अनुभव प्रमाणपत्र भी लगाए, लेकिन अब उन्हें ही भारांक नहीं दिया जा रहा है। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 7 जुलाई तय की है।
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अनुदेशकों ने भी सरकार से मांगा भारांक
कोर्ट (Allahabad High Court) को अधिवक्ता ने यह भी बताया कि अनुदेशक परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई के अलावा अन्य सरकारी कार्य जैसे चुनावी ड्यूटी, बीएलओ (BLO), मतगणना और परीक्षा ड्यूटी सहित अन्य कार्यों में लगातार भाग ले रहे हैं। कोर्ट को बताया गया कि अनुदेशकों को सरकार मानदेय भी कम दे रही है। ऐसे में अब सरकार भर्ती में इन्हें कुछ लाभ प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुपर टीईटी पास शिक्षामित्रों (Shikshamitra) को 2.5 अंक का भारांक (Weightage) देने का निर्णय भी लिया हुआ है।