69 हजार शिक्षकों की चल रही भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment) में
एसटीएफ (UP Special Task Force) जमकर लापरवाही कर रही है। एसटीएफ (UP
Special Task Force) की तरफ से जांच में की जा रही हीलाहवाली पर सामाजिक
कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती में
जिस तरह से एसटीएफ (UP Special Task Force) जांच कर रही है, उससे साफ
जाहिर है कि वह इस मामले को बस दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि अब इस
मामले में हाईकोर्ट ही राहत दे सकता है।
भर्ती रद्द कराने को लेकर दायर याचिका पर अब मंगलवार को सुनवाई होनी है। बता दें, परीक्षा निरस्त कराए जाने को लेकर अजय कुमार ओझा (Ajay Kumar Ojha) सहित अन्य की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खण्डपीठ (Lucknow Banch) में याचिका दाखिल है, जिस पर कोर्ट एक सुनवाई कर चुका है।
69 हजार शिक्षक भर्ती: आंसर की के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दायर SLP पर मंगलवार को सुनवाई
उत्तर प्रदेश में
69,000 सहायक शिक्षक भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment)
प्रकिया निरस्त करने व इसमें कथित रूप से हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई
(CBI) से कराने की मांग को लेकर कोर्ट (Allahabad High Court) में केस किया
गया है। लखनऊ बेंच में न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ में हुई सुनवाई पर
राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि इस मुद्दे पर 7 जुलाई को अधिवक्ता डॉ.
नूतन ठाकुर और सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह बहस करेंगे।
24 जून को हुई बहस के बाद अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने कोर्ट में आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले में सरकार अनुचित तेजी दिखा रही है और जल्द से जल्द इस भर्ती को पूरा करना चाहती है। वहीं, सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि सरकार इस भर्ती में कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रही है। आज उन्होंने ट्वीट करके कहा, "69000 शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर हाईकोर्ट में दुबारा सुनवाई होनी है। सरकार व एसटीएफ (UP Special Task Force) के नजरिये से साफ है कि वे जिन्दा मक्खी निगलना चाहते हैं और मात्र दिखावटी कार्यवाही कर रहे हैं। ऐसे में न्याय हेतु सतत विधिक संघर्ष नितांत आवश्यक है।"
69 हजार शिक्षक भर्ती: डबल बेंच ने सरकार को दी राहत, कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कराएं भर्ती
उत्तर प्रदेश में
69 हजार शिक्षकों की हुई भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment)
की परीक्षा में जमकर धांधली हुई है। इसका अंदाजा लखनऊ में पकड़े गए गैंग से
लगाया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट (Allahabad High Court) में बताया
कि इस भर्ती की परीक्षा 6 जनवरी, 2019 को हुई थी। परीक्षा के बाद शिकायत
मिलने पर पेपर लीक के संबंध में एसटीएफ (STF) तथा केंद्र अधीक्षकों द्वारा
प्रदेश के कई स्थानों पर मुकदमे दर्ज भी किए गए थे।
इस मामले में एसटीएफ (UP Special Task Force) ने लखनऊ के नेशनल इंटर कॉलेज से एक सिपाही और वहां के प्रधानाचार्य सहित अन्य कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) को सभी ने बताया कि व्यापक स्तर पर पर्चा भी लीक हुआ है।
हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में दायर याचिका में यह बताया गया है कि एसटीएफ (UP Special Task Force) आखिर किस तरह से सरकार के दबाव में आकर काम कर रही है। इसके बारे में अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को प्रयागराज पुलिस की तरफ से किए गए खुलासे के बारे में भी बताया गया है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट (High Court) में विभिन्न तर्कों को देकर परीक्षा निरस्त करने तथा पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई (CBI) से कराने की मांग की है। अब इस मामले पर ग्रीष्मावकाश के बाद सुनवाई होने जा रही है। अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति से मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की गई है।
69 हजार शिक्षक भर्ती: 14 जुलाई को होने वाली सुनवाई को लेकर चला रहे यह खास अभियान
एसटीएफ की
कार्रवाई पर लगातार सामाजिक कार्यकर्ता सवाल उठा रही है। उनके तरफ से उठाए
जा रहे सवाल से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस भर्ती (UP 69000 Assistant
Teacher Recruitment) में किस तरह से धांधली की जा रही है। उत्तर प्रदेश
सरकार ने 69 हजार शिक्षकों की चल रही भर्ती (69000 Assistant Teachers) में
फर्जीवाड़ा का खुलासा करने के लिए एसटीएफ टीम को जिम्मेदारी दी है।
एसटीएफ (UP Special Task Force) को इसका खुलासा करने में अभी तक सफल नहीं रही है। इस भर्ती में फर्जीवाड़ा की जांच कर रही एसटीएफ (UP Special Task Force) को एक महीने बीतने के बाद भी कुछ खास जानकारी नहीं मिली है। यही नहीं, अभी तक एसटीएफ (UP Special Task Force) इस मामले में मायापति दुबे और चंद्रमा यादव को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है। एसटीएफ (UP Special Task Force) इस मामले में लगातार खोजबीन कर रही है, लेकिन नतीजा अभी शून्य ही है।
इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में फर्जीवाड़ा का खुलासा करने वाली प्रयागराज पुलिस जिस जगह पर यह जांच छोड़कर हटी है, जांच प्रक्रिया अभी तक वहीं पर रुकी हुई है। बता दें इस मामले की जांच पहले प्रयागराज के तीन-तीन आईपीएस कर रहे थे, वहीं अब महज एसटीएफ (UP Special Task Force) के एएसपी स्तर के ही अधिकारी जांच कर रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन तीनों ही आईपीएस (IPS) अफसरों ने ही इस भर्ती में अहम खुलासा किया।
इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में अगर ये तीनों अफसर न लगते, तो शायद शिक्षक भर्ती का अहम खुलासा भी न हो पाता। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) का खुलासा करने में प्रयागराज के तीन आईपीएस (IPS) सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज,अशोक वेंकटेश और अनिल यादव की तिकड़ी थी।
भर्ती रद्द कराने को लेकर दायर याचिका पर अब मंगलवार को सुनवाई होनी है। बता दें, परीक्षा निरस्त कराए जाने को लेकर अजय कुमार ओझा (Ajay Kumar Ojha) सहित अन्य की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खण्डपीठ (Lucknow Banch) में याचिका दाखिल है, जिस पर कोर्ट एक सुनवाई कर चुका है।
24 जून को हुई बहस के बाद अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने कोर्ट में आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले में सरकार अनुचित तेजी दिखा रही है और जल्द से जल्द इस भर्ती को पूरा करना चाहती है। वहीं, सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि सरकार इस भर्ती में कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रही है। आज उन्होंने ट्वीट करके कहा, "69000 शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर हाईकोर्ट में दुबारा सुनवाई होनी है। सरकार व एसटीएफ (UP Special Task Force) के नजरिये से साफ है कि वे जिन्दा मक्खी निगलना चाहते हैं और मात्र दिखावटी कार्यवाही कर रहे हैं। ऐसे में न्याय हेतु सतत विधिक संघर्ष नितांत आवश्यक है।"
69 हजार शिक्षक भर्ती: डबल बेंच ने सरकार को दी राहत, कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कराएं भर्ती
6 जनवरी 2019 को हुई थी भर्ती की परीक्षा
इस मामले में एसटीएफ (UP Special Task Force) ने लखनऊ के नेशनल इंटर कॉलेज से एक सिपाही और वहां के प्रधानाचार्य सहित अन्य कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) को सभी ने बताया कि व्यापक स्तर पर पर्चा भी लीक हुआ है।
हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में दायर याचिका में यह बताया गया है कि एसटीएफ (UP Special Task Force) आखिर किस तरह से सरकार के दबाव में आकर काम कर रही है। इसके बारे में अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को प्रयागराज पुलिस की तरफ से किए गए खुलासे के बारे में भी बताया गया है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट (High Court) में विभिन्न तर्कों को देकर परीक्षा निरस्त करने तथा पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई (CBI) से कराने की मांग की है। अब इस मामले पर ग्रीष्मावकाश के बाद सुनवाई होने जा रही है। अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति से मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की गई है।
69 हजार शिक्षक भर्ती: 14 जुलाई को होने वाली सुनवाई को लेकर चला रहे यह खास अभियान
एसटीएफ मायापति दुबे और चंद्रमा यादव को नहीं कर पाई गिरफ्तार
एसटीएफ (UP Special Task Force) को इसका खुलासा करने में अभी तक सफल नहीं रही है। इस भर्ती में फर्जीवाड़ा की जांच कर रही एसटीएफ (UP Special Task Force) को एक महीने बीतने के बाद भी कुछ खास जानकारी नहीं मिली है। यही नहीं, अभी तक एसटीएफ (UP Special Task Force) इस मामले में मायापति दुबे और चंद्रमा यादव को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है। एसटीएफ (UP Special Task Force) इस मामले में लगातार खोजबीन कर रही है, लेकिन नतीजा अभी शून्य ही है।
इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में फर्जीवाड़ा का खुलासा करने वाली प्रयागराज पुलिस जिस जगह पर यह जांच छोड़कर हटी है, जांच प्रक्रिया अभी तक वहीं पर रुकी हुई है। बता दें इस मामले की जांच पहले प्रयागराज के तीन-तीन आईपीएस कर रहे थे, वहीं अब महज एसटीएफ (UP Special Task Force) के एएसपी स्तर के ही अधिकारी जांच कर रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन तीनों ही आईपीएस (IPS) अफसरों ने ही इस भर्ती में अहम खुलासा किया।
इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में अगर ये तीनों अफसर न लगते, तो शायद शिक्षक भर्ती का अहम खुलासा भी न हो पाता। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) का खुलासा करने में प्रयागराज के तीन आईपीएस (IPS) सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज,अशोक वेंकटेश और अनिल यादव की तिकड़ी थी।