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छात्रवृत्ति व फीस भरपाई में फंसा हाजिरी का पेंच, शुरू हुआ मंथन

प्रदेश सरकार की ओर से अनुसूचित जाति व सामान्य वर्ग के गरीब छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की योजना में अब हाजिरी का पेंच फंस गया है। समाज कल्याण विभाग की ओर से चलाई
जाने वाली इस योजना में नियमों के तहत ऐसे जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को कक्षा में 75 प्रतिशत हाजिरी होने पर ही छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा दी जाती है। मगर इस बार कोरोना संकट की वजह से जुलाई से 

शैक्षिक सत्र आनलाइन पढ़ाई के सहारे शुरू हुआ। इस आनलाइन पढ़ाई में कक्षा में हाजिरी का कोई पुख्ता प्रमाण शिक्षण संस्थान कैसे दे पाएंगे। यही नहीं हालात सुधरने पर आगामी महीनों में जब भी आफलाइन पढ़ाई शुरू होगी तो फिर बाकी बचे शैक्षिक सत्र के कितने महीनों में कितने प्रतिशत हाजिरी का मानक छात्रवृत्ति व फीस भरपाई दिलवा पाएगा। इस बारे में अभी शुरुआती दौर में सभी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन से बातचीत की जा रही है। समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति और फीस भरपाई के मामलों को देख रहे सहायक निदेशक सिद्धार्थ मिश्र ने बताया कि जल्द ही इस बारे में विभाग के निदेशक के साथ बैठक होगी। उसके बाद प्रमुख सचिव स्तर की उच्च स्तरीय बैठक की जाएगी। बैठक में जो निर्णय लिया जाएगा, उसी के अनुरूप हाजिरी के मानक तय होंगे। बताते चलें कि समाज कल्याण विभाग से जो मानक तय होंगे। वही पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति और फीस भरपाई के आवेदनों पर लागू होंगे। फिलहाल समाज कल्याण विभाग प्री मैट्रिक कक्षाओं में 24 जुलाई से और पोस्ट मैट्रिक में पहली अगस्त से छात्रवृत्ति और फीस भरपाई के लिए आनलाइन आवेदन करने का कार्यक्रम घोषित किया है। सिद्धार्थ मिश्र ने बताया कि फिलहाल आवेदन करने के इस कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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