अनूठी पहल:- पढ़ाई रुचिकर बनाने को शिक्षकों में प्रतियोगिता, शैक्षिक सामग्री विकसित करने के लिए राज्य स्तरीय आयोजन

 बच्चों के बीच तो अक्सर प्रतियोगिताएं होती रहती हैं, लेकिन अब परिषदीय स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई को रुचिकर बनाने के लिए शिक्षकों के बीच राज्य स्तरीय प्रतियोगिता कराई जाएगी। यह प्रतियोगिता आनलाइन होगी और शिक्षक इसका वीडियो बनाकर एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) को भेजेंगे।



शिक्षकों को इस वीडियो में शिक्षक कला, क्राफ्ट व पपेट्री (कठपुलती) के जरिए शिक्षण प्रक्रिया को सरल, प्रभावी व रुचिकर बनाने का तरीका बताएंगे। विजेता को पुरस्कृत किया जाएगा और फिर उनके आइडिया को पढ़ाई में लागू किया जाएगा। प्रतिभागियों को तीस नवंबर तक ई-मेल से अपने वीडियो बनाकर भेजने होंगे।


’>>प्रतिभागियों को 30 नवंबर तक ई-मेल से भेजने होंगे वीडियो


’>>शैक्षिक सामग्री विकसित करने के लिए राज्य स्तरीय आयोजन


शिक्षक ले सकेगा सिर्फ एक ही विषय की प्रतियोगिता में हिस्सा


शब्द का प्रतिभागी को लिखना होगा वीडियो भेजने के साथ विवरण


राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के स्तर और विषय


राज्य स्तरीय कला, क्राफ्ट व पपेट्री प्रतियोगिता दो भागों में होगी। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षक इसमें अलग अलग प्रतिभाग करेंगे। प्राथमिक स्तर के लिए भाषा और गणित की प्रतियोगिता होगी, जबकि उच्च प्राथमिक स्तर के लिए गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान की प्रतियोगिता होगी।


दो मिनट के दो वीडियो करने होंगे तैयार


जिला समन्वयक डॉ. विनोद मिश्र ने बताया कि प्रतियोगिता में शामिल होने वाले शिक्षकों को दो मिनट का वीडियो बनाना होगा। इसमें लìनग आउट कम के लिए सामग्री बनानी होगी, जबकि एक अन्य वीडियो तीन मिनट का बनाना होगा, जिसमें निíमत सामग्री के शिक्षण को उपयोग बताना होगा। एक शिक्षक एक ही विषय की प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकेंगे। वीडियो भेजने के साथ उसके संबंध में 150 शब्द का विवरण भी लिखना होगा।


शिक्षकों को प्रविष्टियों को scertup2020rles.math@gmail.com पर भेजना होगा।


विशेषज्ञ करेंगे वीडियो की स्क्रीनिंग

भेजे गए वीडियो की स्क्रीनिंग विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी। चयनित शिक्षकों को निर्धारित तिथि व समय पर ऑनलाइन प्रस्तुति देनी होगी। संभावना है कि यह प्रस्तुति दिसंबर के तीसरे सप्ताह में हो। हालांकि तिथि बाद में निर्धारित होगी। शिक्षकों को यह भी बताना होगा कि उनके द्वारा बनाई वस्तु नवीनतम व वर्तमान में प्रासंगिक है। कक्षा शिक्षण में प्रभावी है। उसे बनाने में कितने समय व क्या सामग्री लगी है।