बढ़ती महंगाई के दौर में छोटी बचत स्कीमों में पैसा रखने वाले लोगों को बड़ी चपत लगी है। सरकार ने अमूमन सभी तरह की छोटी बचत स्कीमों पर ब्याज दरों को घटा दिया है। ब्याज दरों में 0.5 फीसद सालाना से लेकर 1.1 फीसद तक की कमी गई है। घटी दरें पहली अप्रैल 2021 से प्रभावी हो जाएंगी। इससे छोटी बचत स्कीमों का आकर्षण कम होगा और सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी कम होगा। किसान विकास पत्र से लेकर सुकन्या समृद्धि योजना तक पर ब्याज दर घटाने की चाबुक चली है।
वित्त मंत्रलय के नोटिस के मुताबिक बचत स्कीमों पर बैंक चार के बजाय 3.5 फीसद सालाना का ब्याज देंगे। एक साल की सावधि जमा पर देय ब्याज की दर 5.5 फीसद से घटाकर 4.4 फीसद, दो वर्ष पर 5.5 फीसद से घटाकर 5 फीसद, तीन साल के लिए 5.5 फीसद से घटाकर 5.1 फीसद, पांच वर्ष की सावधि जमा पर 6.7 फीसद से घटाकर 5.8 फीसद और पांच वर्ष के लिए रिकरिंग जमा योजना पर देय ब्याज की दर 5.8 फीसद से घटाकर 5.3 फीसद कर दी गई है। इन स्कीमों पर ब्याज की गणना तिमाही स्तर पर होती है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत स्कीमों पर देय ब्याज 7.4 फीसद से घटाकर 6.5 फीसद, मासिक आय योजनाओं के लिए 6.6 फीसद की जगह 5.7 फीसद, राष्ट्रीय बचत प्रपत्र के लिए 6.8 फीसद की जगह 5.9 फीसद, पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम के तहत 7.1 फीसद को घटाकर 6.4 फीसद कर दिया गया है। किसान विकास पत्र पर अब 6.2 फीसद का ब्याज दिया जाएगा जो दर 6.9 फीसद थी। इस स्कीम पर पहले जमा धन 124 महीनों में दोगुना होता था, जो अब 138 महीनों में होगा। सुकन्या समृद्धि अकाउंट स्कीम के तहत देय ब्याज की दर अब 6.9 फीसद होगी जो 7.6 फीसद होती थी।
’>>किसान विकास पत्र समेत सभी योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती
’>>घटी दरें इसी वर्ष पहली अप्रैल से हो जाएंगी प्रभावी