जितने अंक मिलेंगे, उसी से करना होगा संतोष, सीबीएसई, यूपी और आईसीएसई बोर्ड के छात्रों पर लागू होगा नियम

 सीबीएसई, यूपी और आईसीएसई बोर्ड के छात्रों को नई मूल्यांकन नीति के अनुसार जितने अंक मिलेंगे, उनको उन्हीं से संतोष करना होगा। छात्र अपने परीक्षा परिणाम की स्क्रूटनी नहीं करा पाएंगे। फिलहाल इम्प्रूवमेंट और कम्पार्टमेंट परीक्षा को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं हैं। यदि वे अपने प्राप्त अंकों से असंतुष्ट होंगे तो उनको अगली बोर्ड परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। परीक्षा वर्ष 2021 ही कहलाएगा।



बोर्ड परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद यदि कोई छात्र अपने प्राप्त अंकों से संतुष्ट नहीं होता है तो स्क्रूटनी की व्यवस्था हर बोर्ड में है। लेकिन इस बार सभी बोर्डों के हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं। दोनों परीक्षा परिणाम नई मूल्यांकन नीति पर जारी किए जाएंगे। इसके लिए स्कूलों ने छात्रों के कक्षा 9 से कक्षा 12 तक स्कूल परीक्षा में प्राप्त अंक अपनी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। शिक्षकों ने बताया कि जब परीक्षा परिणाम जारी होगा तब छात्रों में भारी असंतोष हो सकता है। हो सकता है कि वे प्राप्त अंकों से संतुष्ट न हों, लेकिन वे इस बार इसकी स्क्रूटनी नहीं करा पाएंगे। शिक्षकों ने बताया कि बोर्ड के पास इस बार छात्रों की कोई भी उत्तर पुस्तिका नहीं होगी न ही मूल्यांकन में प्राप्त अंकों के अवॉर्ड शीट। ऐसे में बोर्ड किस चीज की स्क्रूटनी करेगा। जब उत्तर पुस्तिका ही नहीं होगी तो पुनर्मूल्यांकन का सवाल ही नहीं उठता।

असंतुष्ट होने पर अगली बोर्ड परीक्षा में बैठने का विकल्प
बोर्ड परीक्षा परिणाम के बाद कंपार्टमेंट और इम्प्रूवमेंट परीक्षा कराने का प्रावधान है। इस बार इसको लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं हैं। शिक्षकों ने बताया कि परिस्थितियां अनुकूल हुईं तो इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किया जा सकता है। हालांकि ऐसे छात्र जो अपने अंकों से संतुष्ट नहीं होंगे वे अगली बोर्ड परीक्षा में बैठ सकते हैं। उनका परीक्षा वर्ष 2021 ही कहलाएगा। शिक्षकों ने यह भी कहा कि तब तक छात्रों के लिए काफी देर हो जाएगी। उन्हें जीवनभर औसत अंक से ही संतोष करना होगा।