निलंबित कर्मी कर रहे विभागीय काम, बीएसए आफिस में चल रही कई जांच की पत्रावलियां निलंबित कर्मी कर सकते हैं प्रभावित

 सिद्धार्थनगर |


बीएसए कार्यालय में सारे नियम धराशाई में हैं। नियम विरुद्ध शिक्षक नियुक्ति, वेतन भुगतान व भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित हुए पांच कर्मियों में तीन को बीएसए कार्यालय में ही संबद्ध कर विभागीय कार्य लिया जा रहा है। इन कर्मियों को बीआरसी एडी बेसिक कार्यालय अटैच करने की बजाए बीएसए कार्यालय में संबद्ध होने से जांच की कई पत्रावलियां प्रभावित होने की आशंका है। एक निलंबित कर्मी से जांच पत्रावली को लेकर कार्यालय में बहस भी हो चुकी है बावजूद जिम्मेदार आंख मूंद कर बैठे हैं।

बीएसए कार्यालय में जिम्मेदारों से लेकर कर्मचारियों की मिलीभगत से सारे नियम धराशाई हैं। 16 जुलाई 2020 को सिसंवा बुजुर्ग गांव निवासी शैलेश कुमार ने शासन में शिकायत कर विभाग के पांच कर्मियों पर नियमविरुद्ध नियुक्ति, भ्रष्टाचार, वेतन भुगतान का आरोप लगाया था। सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) सप्तम मंडल की जांच रिपोर्ट में कनिष्ठ सहायक आनंद प्रकाश श्रीवास्तव, वरिष्ठ सहायक सुशील कुमार श्रीवास्तव, संबंद्ध सहायक अध्यापक मो. इमरान अंसारी, स्टेनो मिथिलेश व तत्कालीन सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी दोषी पाए गए थे। शासन ने नौ मार्च 2021 को बीएसए को चिट्ठी भेज सभी को निलंबित करने का आदेश दिया था। इसमें कनिष्ठ सहायक आनंद प्रकाश श्रीवास्तव को मूल तैनाती स्थल राजकीय कन्या इंटर कॉलेज बांसी भेज दिया गया। वरिष्ठ लेखाधिकारी जिले से पहले ही स्थानांतरित हो चुके हैं। जबकि वरिष्ठ सहायक सुशील कुमार श्रीवास्तव, सहायक अध्यापक मो. इमरान अंसारी व स्टेनो मिथिलेश सिंह को निलंबन के बाद बीआरसी या एडी बेसिक कार्यालय संबंद्ध करने की बजाए बीएसए कार्यालय में ही संबद्ध कर रखा है। यह तीनों कर्मी कागज में निलंबित हैं लेकिन कार्य पूर्व की भांति कर रहे हैं। कार्यालय में सेवा दे रहे इन कर्मियों से इनकी जांच रिपोर्ट के साथ-साथ अन्य जांच रिपोर्ट भी प्रभावित होने की पूरी आंशका है।

वरिष्ठ सहायक से शिक्षिका की

बहस सप्ताह भर पूर्व वरिष्ठ सहायक से एक पत्रावली के मामले में एक शिक्षिका से बहस हुई थी। इसमें शिक्षिका का आरोप था कि उसके तैनाती विद्यालय के मामले में एक जांच चल रही है। उस शिकायत की कापी वरिष्ठ सहायक ने आरोपित शिक्षक को दे दिया है।

बीएसए कार्यालय के तीन कर्मी निलंबित चल रहे हैं, जिन्हें कार्यालय में ही संबद्ध कर रखा गया है। विभागीय कार्य नहीं होंगे तो उच्चाधिकारियों को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। इससे निलंबित कर्मियों से काम लिया जा रहा है। राजेंद्र सिंह, बीएसए