Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

शहरी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों का संकट भी जल्द दूर होगा

 उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्र के प्राथमिक स्कूलों में सिर्फ शिक्षकों की ही कमी नहीं है, बल्कि 600 से अधिक विद्यालय किराए के मकानों या फिर जर्जर भवनों में जैसे-तैसे संचालित हैं। अब ऐसे विद्यालयों को अपना भवन

देने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद से विद्यालय के लिए भूमि मांगेगा। जमीन मिलने पर केंद्र या फिर राज्य सरकार से धन आवंटित कराकर निर्माण कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने आपरेशन कायाकल्प चलाकर ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक विद्यालयों का रूप रंग बदल दिया है।



ये विद्यालय भवन व साजसज्जा में कांवेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। गांवों या फिर कस्बों में छात्र-छात्राएं सीमित विकल्प होने की वजह से आसानी से बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय में पहुंच जाते हैं लेकिन, शहरों में विकल्प अधिक होने से बच्चों के नामांकन में कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है। भवन व शिक्षकों की उपलब्धता दोनों मोर्चों पर परिषदीय विद्यालय बहुत पीछे हैं। लखनऊ में ही 45 विद्यालय शिक्षकविहीन हैं और एकल शिक्षक वाले स्कूलों की तादाद भी अच्छी खासी है। उत्तर प्रदेश में करीब 600 से अधिक प्राथमिक स्कूल किराए के भवन या जर्जर मकानों में चल रहे हैं। स्कूलों का किराया कम होने से मकान मालिक विद्यालय का हिस्सा दुरुस्त नहीं कराते हैं और कुछ स्कूलों में तो बहुत छोटे परिसर में किसी तरह पढ़ाई हो रही है। कई ऐसी जगहें हैं
जिनकी व्यावसायिक कीमत अधिक मकान मालिक चाहते हैं कि स्कूल परिसर खाली हो जाए। बेसिक शिक्षा परिषद ने ऐसे विद्यालयों को चिन्हित करके शासन को प्रस्ताव भेजा है कि जर्जर व किराए के मकान में चलने वाले स्कूलों को अपना भवन मुहैया कराया जाए। इसके लिए जरूरी है कि उसे भूमि मिले, तब केंद्र या फिर राज्य सरकार की ओर से बजट देकर नया भवन बनवाया जा सकता है। शासन भी परिषद के प्रस्ताव से सहमत है। और जल्द ही आवास विकास परिषद से विद्यालयों के लिए भूमि आवंटन करने का अनुरोध किया जाएगा।

आवास विकास परिषद जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश देगा। यह भी संयोग है कि बेसिक शिक्षा विभाग और आवास विकास परिषद उप्र के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ही हैं। इससे विद्यालयों को भूमि दिलाने व भवन निर्माण में अड़चन नहीं आनी। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी कहते हैं कि सरकार शहरी विद्यालयों को दुरुस्त करने पर गंभीर है। शिक्षकों का संकट भी जल्द दूर होगा।

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts