देर से आना, जल्दी जाना। जब तक रहना मुश्किलों को गिनाना। वैसे भी शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के निदान का आश्वासन मिल चुका है। समिति का गठन हो रहा है।
अपर मुख्य सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव कार्मिक, मुख्य सचिव बेसिक इसमें शामिल रहेंगे। इसलिए दिल खोलकर अपनी बात कहिए, सबकी सुनवाई जरूर होगी। यह आफर शिक्षकों के साथ शिक्षक नेताओं के लिए भी आया है। दरअसल वह भी लंबे समय से बेरोजगार थे। अब कहीं न कहीं मुलाकात का मौका मिलेगा और वह जरूर दावा करेंगे कि मैंने यह तीर मार दिया। मेरा ही प्रयास था जो रामराज आ गया। खैर चुनाव आ रहा है, सरकार को भी कुछ दिखाना है, नेता जी को भी काम मिल गया। अब इसी बहाने फोटो खिंचवाएं। अफसरों से करीबी रिश्तों का दावा होगा। गुलदस्तों का लेन देन भी होगा।... और क्या चाहिए। फिर अगले पांच साल के लिए सब टल जाएगा।
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