पदोन्नति में टेट को अनिवार्य करने के उद्देश्य से दीपक शर्मा एवं अन्य द्वारा योजित रिट संख्या 11287/2018 पर पहली बार मा0 न्यायालय द्वारा दिनाँक 15 मई 2018 को पदोन्नति में NCTE नियमावली का अनुपालन किये जाने सम्बन्धी आदेश पारित करते हुए पदोन्नति में भी टेट अनिवार्य माना।
■ जिस NCTE नियमावली की मा0 न्यायालय द्वारा चर्चा की गई वो 12 नवंबर 2014 को जारी की गई।
■ दीपक शर्मा एवं अन्य के मामले में मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय दिनाँक 15/05/2018 के अनुपालन में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा दिनाँक 17/05/2018 को प्रदेश में गतिमान पदोन्नति कार्यवाही को अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया गया।
■ परिषद द्वारा पदोन्नति कार्यवाही स्थगित किये जाने के लगभग 2 माह पश्चात बिना टेट के पदोन्नति किये जाने हेतु सूबेदार यादव एवं अन्य द्वारा एक याचिका 16523/2018 फ़ाइल की गई। इस याचिका की सुनवाई करते हुए मा0 न्यायालय द्वारा दीपक शर्मा व अन्य के मामले में दिया गया दिनाँक 15/05/2018 का आदेश सही माना गया और पदोन्नति में टेट को अनिवार्य मानते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया।
(नोट:- इस याचिका के आदेश को ही सोशल मीडिया में "बिना टेट पास किये होगा प्रमोशन" लिखकर प्रचारित किया जा रहा है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।)
■ जब सूबेदार यादव एवं अन्य की याचिका 16523/2018 मा0 न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गयी तब उनके द्वारा डबल बैंच में स्पेशल अपील 737/2018 फ़ाइल की गई। इस अपील पर सुनवाई करते हुए डबल बैंच द्वारा भी अपने आदेश दिनाँक 04/09/2018 द्वारा पदोन्नति में टेट की अनिवार्यता पर मुहर लगाई गई एवं स्पेशल अपील को खारिज कर दिया गया।
■ पदोन्नति में टेट अनिवार्यता मुद्दे में आया नया मोड़
भीष्मपाल सिंह एवं अन्य की अपील 645/2018 की सुनवाई करते हुए मा0 उच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनाँक 18/09/2018 द्वारा दीपक शर्मा केस के 15/05/2018 के सिंगल जज के आदेश को निष्प्रभावी करते हुए दुबारा सुनवाई का आदेश दिया।
■ पहले से कार्यरत शिक्षकों पर पदोन्नति में TET की अनिवार्यता लागू न होने का आदेश
भीष्मपाल सिंह मामले में कोर्ट के दीपक शर्मा मामले को पुनः सुने जाने के निर्णय के बाद काफी समय तक कोई प्रगति नहीं हुई।
कुछ समय पश्चात एक एडेड स्कूल के अध्यापक ओम प्रकाश त्रिपाठी की पदोन्नति के मामले में इस बिंदु पर पुनः आदेश हुआ। जिसमे 2010 से पहले से कार्यरत शिक्षकों पर पदोन्नति में TET केआई अनिवार्यता लागू नहीं होने का आदेश जारी हुआ।
■ TET की अनिवार्यता न होने संबंधी माo उच्च न्यायालय से समाधान हो जाने के लगभग 4 वर्ष बीत जाने के बाद विभाग ने पदोन्नति को लेकर फिर एक आदेश जारी किया है।
*निष्कर्ष*
★ पदोन्नति में TET की अनिवार्यता संबंधी विवाद का वर्ष 2019 में समाधान हो जाने के पश्चात ही सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय की पदोन्नति में कोई भी विधिक बाधा नहीं थी। इसके उपरांत भी शासन द्वारा पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारंभ करने में 4 वर्ष से अधिक का समय लगाया जाना समझ से परे है। यह पदोन्नति प्रक्रिया 4 वर्ष पूर्व ही संपन्न हो जानी चाहिए थी। इस नुकसान के लिए शासन ही नहीं अपितु स्थापित शिक्षक संगठन भी पूर्ण रूपेण जिम्मेदार हैं जो विधिक रूप से स्थापित तथ्यों को प्रस्तुत कर शासन से आदेश कराने में इतने सालों तक सफल नहीं हो सके। आशा है अब शीघ्रता से कार्यवाही होगी और सालों से अपने अधिकारों से वंचित अध्यापकों की पदोन्नति हो सकेगी।