*_मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम निर्देश, अब इसका पालन अनिवार्य_* 👇
_इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृतक आश्रित कोटे को लेकर अहम निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आवेदन की तिथि वाले दिन पद पर नियुक्ति की योग्यता होनी चाहिए। बरेली बीएसए ने मृत्यु की तिथि पर योग्यता जांची थी।मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम निर्देश, अब इसका पालन अनिवार्य होगा,,_
_इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृतक आश्रित कोटे को लेकर अहम निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आवेदन की तिथि वाले दिन पद पर नियुक्ति की योग्यता होनी चाहिए। बरेली के बीएसए ने मृत्यु की तिथि को तृतीय श्रेणी पद पर नियुक्ति की न्यूनतम अर्हता न रखने के आधार पर मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने बीएसए बरेली के आदेश को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही आवेदन की तिथि पर तृतीय श्रेणी पद पर नियुक्ति योग्यता होने के आधार पर प्रकरण में दो माह में विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।_
_यह आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल ने अभिषेक सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि चार सितंबर 2000 के शासनादेश के खंड 3(5) में कर्मचारी की मृत्यु तिथि पर पद पर नियुक्ति अर्हता होने के नियम को पवानी अवस्थी केस में परिमार्जित करते हुए कहा गया है कि मृतक आश्रित कोटे में आवेदन के समय आवेदक पद पर नियुक्ति की न्यूनतम योग्यता रखता हो तो संबंधित पद पर उसकी उसकी नियुक्ति की जाए।_
_याची के अधिवक्ता अनुराग शुक्ल का कहना था कि बेसिक शिक्षा अधिकारी का नियुक्ति से इनकार करने का आदेश कोर्ट के फैसले के विपरीत होने के कारण रद्द किया जाए और याची को तृतीय श्रेणी पद पर नियुक्त करने का आदेश दिया जाए।_
_मामले के तथ्यों के अनुसार याची के पिता सीनियर बेसिक स्कूल कुंवरपुर दान कुंवर बरेली में सहायक अध्यापक थे। सेवाकाल में 13 अगस्त 2017 को उनकी मृत्यु हो गई। उस समय याची नाबालिग था। उसने 29 अप्रैल 2018 को इंटर उत्तीर्ण करने के बाद मृतक आश्रित कोटे में तृतीय श्रेणी पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन किया। खंड शिक्षा अधिकारी भदपुरा ने याची का आवेदन बेसिक शिक्षा अधिकारी बरेली को अग्रेषित भी किया। परिवार के लोगों ने भी हलफनामा दाखिल कर कहा कि याची की नियुक्ति पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इसके बावजूद याची को चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्ति लेने को कहा गया। बाद में हाईकोर्ट में याचिका की गई।_
_कोर्ट ने बीएसए को प्रत्यावेदन निस्तारित करने का निर्देश दिया। इसके बाद बीएसए यह कहते हुए याची की अर्जी खारिज कर दी कि वह कर्मचारी की मृत्यु के समय तृतीय श्रेणी पद पर नियुक्ति की निर्धारित न्यूनतम अर्हता नहीं रखता था। इसके बाद यह याचिका की गई। कोर्ट ने कहा कि पवानी अवस्थी केस में स्पष्ट कर दिया गया है कि आवेदन की तिथि को पद पर नियुक्ति की योग्यता होनी चाहिए। कोर्ट ने इसी आधार पर याची की नियुक्ति पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।_