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एक सप्ताह में सेवानिवृत्ति, एनपीएस का नहीं मिला बकाया

 उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों की एनपीएस से जुड़ी समस्या का समाधान तकरीबन दो दशक के बाद भी नहीं हो सका है।

हालत यह है कि 2019 से एनपीएस कटौती शुरू होने के पांच साल बाद भी उससे पहले का राज्य सरकार का अंशदान अब तक खातों में भेजा नहीं जा सका है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के विधि सलाहकार आमोद श्रीवास्तव की शिकायत पर बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने वित्त एवं लेखाधिकारी को पत्र लिखकर शासनादेशों के अनुरूप शिक्षकों के खातों में राज्यांश जमा करने के निर्देश दिए हैं।


दिसंबर 2005 में ही नियुक्त और वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय पुरे दुर्गी बहरिया में कार्यरत शिक्षिका मनीषी गुप्ता की सेवानिवृत्ति 2028 में है। उनकी एनपीएस कटौती 2022 से शुरू हुई, लेकिन 17 साल का राज्यांश अब तक उनके खाते में ट्रांसफर नहीं हो सका है। उनकी चिंता है सेवा में रहते यदि रुपये खाते में नहीं आए तो सेवानिवृत्ति के बाद कैसे मिलेंगे।

कम्पोजिट विद्यालय पारसपुर भगदेवरा कौड़िहार की शिक्षिका मधु चौधरी तकरीबन 19 साल की सेवा के बाद 30 मार्च को रिटायर होंगी। दिसंबर 2005 में नियुक्त मधु की एनपीएस कटौती 2019 में शुरू हुई। इस दौरान 2005 से 2022 के बीच का लगभग 14 साल की एनपीएस का राज्यांश, जो कि नौ से दस लाख के आसपास बनता है, उनके खाते में ट्रांसफर नहीं हो सका है। अब जबकि दो सप्ताह बाद रिटायरमेंट है, उन्हें यही चिंता सता रही है कि राज्य सरकार का अंश कैसे मिलेगा।

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