लखनऊ। पेंशन से राशिकरण की कटौती 10 साल बाद बंद करने की मांग को लेकर शुक्रवार को सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की। पेंशनरों ने वसूली गई अधिक राशि खाते में वापस करने और पेंशनरों को आयु आधारित पेंशनवृद्धि प्रदान करने की मांग उठाई।
उन्होंने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को प्रेषित किया। सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के आह्वान पर जिलाध्यक्ष अंगद सिंह की अगुवाई में सेवानिवृत्त कर्मचारी और पेंशनर सरोजनी नायडू पार्क में एकत्र हुए।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमर नाथ यादव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पेंशनरों की पेंशन से राशिकृत धनराशि की वसूली सरकार 15 साल तक करती है, जबकि वापसी 8 साल 3 माह में हो जाती है। उन्होंने कहा कि पेंशनर 10 साल के बाद यह कटौती बंद करने की मांग कई सालों से कर रहे हैं,
लेकिन सरकार उदासीन बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अकेले उत्तर प्रदेश में इस संबंध में सैकड़ों याचिकाएं दायर हो चुकी हैं, जिनपर हाईकोर्ट ने कटौती पर रोक लगाई है। इसके अनुपालन में राज्य सरकार के वित्त
विभाग और कोषागार निदेशक ने भी स्थगनादेश जारी किया, लेकिन वित्त विभाग ने कटौती रोकने का सामान्य शासनादेश जारी नहीं किया। इस मौके पर अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष कमलेश मिश्रा, उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष जिला अफीफ सिद्दीकी, ओपी राय
आदि कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया
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