कैसे पुरा होगा "सब पढे सब बढे" का सपना" कोई चाहता ही नहीं।।
अधिकारी पेपर पर कर रहे हैं सारा काम जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हो रहा है बेचारे प्रशिक्षु और सहायक अध्यापक मन लगाकर कर अपना काम कर रहे हैं परन्तु अधिकारियों की कमीशनखोरी की बदौलत बच्चों को पुस्तकें मुहैय्या कराने में असफल।
अधिकारी पेपर पर कर रहे हैं सारा काम जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हो रहा है बेचारे प्रशिक्षु और सहायक अध्यापक मन लगाकर कर अपना काम कर रहे हैं परन्तु अधिकारियों की कमीशनखोरी की बदौलत बच्चों को पुस्तकें मुहैय्या कराने में असफल।