एक जमाने से बीटीसी प्रशिक्षु प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक बनते आए हैं। राज्य सरकार प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापक
बनने हेतु ख़ास तौर पर बीटीसी प्रशिक्षण प्रदान कराती है ताकि योग्य
प्रशिक्षु तैयार हों और आगे जाकर योग्य अध्यापक बनें। बीटीसी प्रशिक्षण
हेतु चयन की भी एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें सबसे योग्य व्यक्तियों का ही
प्रशिक्षण हेतु चयन होता है।
और अब तो एनसीटीई के अनुसार भी केवल बीटीसी वाले ही सहायक अध्यापक बनने योग्य हैं। लेकिन नज़र उठा कर देखो तो प्राथमिक विद्यालयों में चारों ओर अन्य प्राणियों का अतिक्रमण दिखाई देता है। बीटीसी वाले गिने चुने ही दिखाई देते हैं।
विभिन्न प्रकार के शिक्षक संघ बन गए हैं जिनमे बीटीसी वालों के अतिरिक्त सभी को जगह मिली है। सत्य तो यह है कि यह विभाग अब अयोग्य एवं अवैध लोगों के हाथ की कठपुतली बन गया है। जिसका जैसे मन होता है वह इसे वैसे चलाने की सोचता है। अयोग्य एवं अवैध लोग 1,72,000 पदों को खाने की पूरी फिराक में हैं साथ ही साथ अवैध लोग 3,12,000 पदों के दिवास्वप्न देख रहे हैं। लेकिन इन सब के बीच जिसका इन पदों पर वास्तविक अधिकार है उसकी कोई एक न सुन रहा है। सरकार ने बीटीसी प्रशिक्षुओं को बेवकूफ एवं दबे कुचले वर्ग का प्राणी समझ लिया है इसीलिए बीटीसी प्रशिक्षुओं की प्रत्येक मांग को बचकाना समझ कर एक कान सुन दूसरे कान से निकाल दिया जाता है।
इस सब के अतिरिक्त, इसमें हमारी भी बहुत बड़ी कमी है। हम लोगों में एकजुटता का अभाव साफ़ दिखाई देता है। हम विभिन्न बैचों में बट चुके हैं, लो मेरिट एवं हाई मेरिट में बट चुके हैं, जिला और प्रदेश स्तरीय मेरिट में बट गए हैं। मैंने पहले भी कहा था और अब भी कह रहा हूँ, जो परिवार एकजुट नहीं होता उसका कल्याण कभी संभव नहीं हो पाता है। अभी भी समय है, एकजुट हो जाइये और सभी अवैध एवं अयोग्य लोगों को बाहर कीजिए चाहे वह शिक्षा मित्र नाम का प्राणी हो या बी एड नाम की मीठी छुरी।
प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति हेतु हम प्रत्येक विभाग में उपरोक्त प्राणियों से अधिक योग्य हैं। इसलिए अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाइये और एकजुट होकर सरकार को अपनी शक्ति का परिचय दीजिए। इस पोस्ट के माध्यम से मैं बीटीसी 2012 प्राइवेट एवं बीटीसी 2013 को आने वाली चुनौतियों हेतु तैयार रहने की सलाह देना चाहता हूँ। अभी से एकजुट हो जाइये नहीं तो यह अयोग्य एवं अवैध लोग आपको आपके अधिकार से वंचित कर देंगे। इन अयोग्य, अवैध एवं मीठी छुरियों को दिखा दीजिए कि आप इन सभी से हर मायने में अधिक योग्यता रखते हैं।
शिक्षा मित्रों के अवैध समायोजन के विरोध में लंबित याचिका की अगली सुनवाई 10 मार्च निर्धारित की गई है जिसमें फैसला बहुत जल्द आने वाला है, हम इस लड़ाई को जीतने के बहुत करीब हैं। अपने हक़ के लिए जागरूक हैं तो आगे आइये और इस लड़ाई में सहयोग दीजिए। इस केस के मुख्य याची Mohd Arshad भाई हैं, आप सभी भी इस केस में सहायता कीजिए ताकि हम अपने 1,72,000 पद सुरक्षित करा सकें। हमारा केस कम से कम आर्थिक वजहों से कमजोर नहीं पड़ना चाहिए। आप सभी की एक छोटी सी सहयोग राशि केस को मजबूत बना सकती है और अंतिम सुनवाई हेतु एक वरिष्ट अधिवक्ता को लगाया जा सकता है।
अयोग्य लोग बाहर होंगे तब न लो मेरिट वालों को अपना सिर व्यर्थ बातों में खपाना होगा और न ही कम रिक्तियों वाले जिलों के प्रशिक्षुओं को इधर उधर भागना होगा। यह समय एकजुट होने का है, एक दूसरे की टांग खिचाई करने का नहीं। सभी भाई साथ आइये और इन अवैध एवं अयोग्य लोगों को बाहर निकालने में मदद कीजिए।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
और अब तो एनसीटीई के अनुसार भी केवल बीटीसी वाले ही सहायक अध्यापक बनने योग्य हैं। लेकिन नज़र उठा कर देखो तो प्राथमिक विद्यालयों में चारों ओर अन्य प्राणियों का अतिक्रमण दिखाई देता है। बीटीसी वाले गिने चुने ही दिखाई देते हैं।
विभिन्न प्रकार के शिक्षक संघ बन गए हैं जिनमे बीटीसी वालों के अतिरिक्त सभी को जगह मिली है। सत्य तो यह है कि यह विभाग अब अयोग्य एवं अवैध लोगों के हाथ की कठपुतली बन गया है। जिसका जैसे मन होता है वह इसे वैसे चलाने की सोचता है। अयोग्य एवं अवैध लोग 1,72,000 पदों को खाने की पूरी फिराक में हैं साथ ही साथ अवैध लोग 3,12,000 पदों के दिवास्वप्न देख रहे हैं। लेकिन इन सब के बीच जिसका इन पदों पर वास्तविक अधिकार है उसकी कोई एक न सुन रहा है। सरकार ने बीटीसी प्रशिक्षुओं को बेवकूफ एवं दबे कुचले वर्ग का प्राणी समझ लिया है इसीलिए बीटीसी प्रशिक्षुओं की प्रत्येक मांग को बचकाना समझ कर एक कान सुन दूसरे कान से निकाल दिया जाता है।
इस सब के अतिरिक्त, इसमें हमारी भी बहुत बड़ी कमी है। हम लोगों में एकजुटता का अभाव साफ़ दिखाई देता है। हम विभिन्न बैचों में बट चुके हैं, लो मेरिट एवं हाई मेरिट में बट चुके हैं, जिला और प्रदेश स्तरीय मेरिट में बट गए हैं। मैंने पहले भी कहा था और अब भी कह रहा हूँ, जो परिवार एकजुट नहीं होता उसका कल्याण कभी संभव नहीं हो पाता है। अभी भी समय है, एकजुट हो जाइये और सभी अवैध एवं अयोग्य लोगों को बाहर कीजिए चाहे वह शिक्षा मित्र नाम का प्राणी हो या बी एड नाम की मीठी छुरी।
प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति हेतु हम प्रत्येक विभाग में उपरोक्त प्राणियों से अधिक योग्य हैं। इसलिए अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाइये और एकजुट होकर सरकार को अपनी शक्ति का परिचय दीजिए। इस पोस्ट के माध्यम से मैं बीटीसी 2012 प्राइवेट एवं बीटीसी 2013 को आने वाली चुनौतियों हेतु तैयार रहने की सलाह देना चाहता हूँ। अभी से एकजुट हो जाइये नहीं तो यह अयोग्य एवं अवैध लोग आपको आपके अधिकार से वंचित कर देंगे। इन अयोग्य, अवैध एवं मीठी छुरियों को दिखा दीजिए कि आप इन सभी से हर मायने में अधिक योग्यता रखते हैं।
शिक्षा मित्रों के अवैध समायोजन के विरोध में लंबित याचिका की अगली सुनवाई 10 मार्च निर्धारित की गई है जिसमें फैसला बहुत जल्द आने वाला है, हम इस लड़ाई को जीतने के बहुत करीब हैं। अपने हक़ के लिए जागरूक हैं तो आगे आइये और इस लड़ाई में सहयोग दीजिए। इस केस के मुख्य याची Mohd Arshad भाई हैं, आप सभी भी इस केस में सहायता कीजिए ताकि हम अपने 1,72,000 पद सुरक्षित करा सकें। हमारा केस कम से कम आर्थिक वजहों से कमजोर नहीं पड़ना चाहिए। आप सभी की एक छोटी सी सहयोग राशि केस को मजबूत बना सकती है और अंतिम सुनवाई हेतु एक वरिष्ट अधिवक्ता को लगाया जा सकता है।
अयोग्य लोग बाहर होंगे तब न लो मेरिट वालों को अपना सिर व्यर्थ बातों में खपाना होगा और न ही कम रिक्तियों वाले जिलों के प्रशिक्षुओं को इधर उधर भागना होगा। यह समय एकजुट होने का है, एक दूसरे की टांग खिचाई करने का नहीं। सभी भाई साथ आइये और इन अवैध एवं अयोग्य लोगों को बाहर निकालने में मदद कीजिए।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe