शिक्षक भर्ती : नपेंगे फर्जी मार्कशीट लगाने वाले, जेल भी जा सकते हैं
नियुक्ति पत्र पाने के बाद भी छिन सकती है नौकरी
प्राइमरी स्कूलों में चल रही शिक्षक भर्ती में नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी हजारों अभ्यर्थियों की नौकरी छिन सकती है। यही नहीं वे जेल तक जा सकते हैं। दरअसल 6,000 ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनकी मार्कशीट फर्जी होने की आशंका है। भर्ती होने के समय से ही लगभग हर जिले से फर्जी मार्कशीट की शिकायतें भी आई हैं। यही वजह है कि सरकार ने सभी अभ्यर्थियों का टीईटी का मूल रिजल्ट वेबसाइट पर डाल दिया है।
अब हर जिले के बीएसए को मूल रिजल्ट से मिलान करना है। जिसकी मार्कशीट फर्जी पाई गई, उसके खिलाफ बीएसए कार्रवाई करेंगे। टीईटी की परीक्षा 2011 में यूपी बोर्ड ने करवाई थी। हालांकि टीईटी अर्हता परीक्षा होती है लेकिन उस समय प्रदेश सरकार ने इसी को भर्ती परीक्षा मानते हुए विज्ञापन जारी किया था। मामला हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए कि सरकार ने भर्ती परीक्षा के तौर पर विज्ञापन जारी किया, इसलिए इसी के आधार पर भर्ती कराई जाए।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
नियुक्ति पत्र पाने के बाद भी छिन सकती है नौकरी
प्राइमरी स्कूलों में चल रही शिक्षक भर्ती में नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी हजारों अभ्यर्थियों की नौकरी छिन सकती है। यही नहीं वे जेल तक जा सकते हैं। दरअसल 6,000 ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनकी मार्कशीट फर्जी होने की आशंका है। भर्ती होने के समय से ही लगभग हर जिले से फर्जी मार्कशीट की शिकायतें भी आई हैं। यही वजह है कि सरकार ने सभी अभ्यर्थियों का टीईटी का मूल रिजल्ट वेबसाइट पर डाल दिया है।
अब हर जिले के बीएसए को मूल रिजल्ट से मिलान करना है। जिसकी मार्कशीट फर्जी पाई गई, उसके खिलाफ बीएसए कार्रवाई करेंगे। टीईटी की परीक्षा 2011 में यूपी बोर्ड ने करवाई थी। हालांकि टीईटी अर्हता परीक्षा होती है लेकिन उस समय प्रदेश सरकार ने इसी को भर्ती परीक्षा मानते हुए विज्ञापन जारी किया था। मामला हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए कि सरकार ने भर्ती परीक्षा के तौर पर विज्ञापन जारी किया, इसलिए इसी के आधार पर भर्ती कराई जाए।
धांधली के आरोप में जेल गए थे निदेशक
ये वही परीक्षा है, जिसमें धांधली के आरोप लगे थे और माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन जेल गए थे। उस समय संशोधन के नाम पर नंबर बढ़ाने के आरोप लगे थे। इस वजह से यह परीक्षा रद करने की भी मांग उठी थी लेकिन बाद में टीईटी अभ्यर्थियों ने कोर्ट में यह याचिका दायर की कि जिन्होंने अच्छे नंबर से परीक्षा पास की है, उनकी इसमें कोई गलती नहीं है। इस पर कोर्ट ने भर्ती कराने के आदेश दिए।
मुश्किल से मिला था मूल रिजल्ट
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब से यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई, तब से इसमें फर्जीवाड़े के आरोप लग रहे हैं। इसकी वजह बताई जा रही है कि काफी फर्जी मार्कशीट जारी हुई हैं।
टीईटी 2011 के मूल रिजल्ट को लेकर भी विवाद उठा था। यह कहा जा रहा था कि बिना मूल रिजल्ट के ही भर्ती हो रही है। इस पर सचिव बेसिक शिक्षा ने यूपी बोर्ड और एससीईआरटी के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए थे और मूल रिजल्ट को जल्द देने की मांग की थी।
काउंसलिंग के समय से ही आ रहीं शिकायतें
6,000 अभ्यर्थी पहले ही शक के दायरे में
काउंसलिंग के समय से ही शिकायतें लगातार आ रही हैं। अभ्यर्थियों ने कहा था कि जिनके रिजल्ट के समय कम नंबर थे, उन्होंने काउंसलिंग में ज्यादा नंबर की मार्कशीट लगाई है। उन्होंने एससीईआरटी, बीएसए दफ्तरों में दर्जनों शिकायतें दर्ज कराने के साथ ही सोशल मीडिया पर भी ऐसे कई रोल नंबर डालकर इसको उजागर करने का दावा किया था। उनके ही दबाव के बाद अब सरकार ने मूल रिजल्ट वेबसाइट पर डाला है और बीएसए को मिलान करके कार्रवाई के लिए कहा गया है।
मूल रिजल्ट वेबसाइट पर डाल दिया गया है। लगातार शिकायतें आ रही थीं। अब रिजल्ट से मिलान करने से तस्वीर साफ हो जाएगी। बीएसए ही नियुक्ति अधिकारी होते हैं, वे इस रिजल्ट से मिलान करेंगे। यदि कोई फर्जीवाड़ा पाया जाता है तो वे ही कार्रवाई भी करेंगे।
-सर्वेंद्र विक्रम सिंह, निदेशक एससीईआरटी
ये वही परीक्षा है, जिसमें धांधली के आरोप लगे थे और माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन जेल गए थे। उस समय संशोधन के नाम पर नंबर बढ़ाने के आरोप लगे थे। इस वजह से यह परीक्षा रद करने की भी मांग उठी थी लेकिन बाद में टीईटी अभ्यर्थियों ने कोर्ट में यह याचिका दायर की कि जिन्होंने अच्छे नंबर से परीक्षा पास की है, उनकी इसमें कोई गलती नहीं है। इस पर कोर्ट ने भर्ती कराने के आदेश दिए।
मुश्किल से मिला था मूल रिजल्ट
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब से यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई, तब से इसमें फर्जीवाड़े के आरोप लग रहे हैं। इसकी वजह बताई जा रही है कि काफी फर्जी मार्कशीट जारी हुई हैं।
टीईटी 2011 के मूल रिजल्ट को लेकर भी विवाद उठा था। यह कहा जा रहा था कि बिना मूल रिजल्ट के ही भर्ती हो रही है। इस पर सचिव बेसिक शिक्षा ने यूपी बोर्ड और एससीईआरटी के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए थे और मूल रिजल्ट को जल्द देने की मांग की थी।
काउंसलिंग के समय से ही आ रहीं शिकायतें
6,000 अभ्यर्थी पहले ही शक के दायरे में
काउंसलिंग के समय से ही शिकायतें लगातार आ रही हैं। अभ्यर्थियों ने कहा था कि जिनके रिजल्ट के समय कम नंबर थे, उन्होंने काउंसलिंग में ज्यादा नंबर की मार्कशीट लगाई है। उन्होंने एससीईआरटी, बीएसए दफ्तरों में दर्जनों शिकायतें दर्ज कराने के साथ ही सोशल मीडिया पर भी ऐसे कई रोल नंबर डालकर इसको उजागर करने का दावा किया था। उनके ही दबाव के बाद अब सरकार ने मूल रिजल्ट वेबसाइट पर डाला है और बीएसए को मिलान करके कार्रवाई के लिए कहा गया है।
मूल रिजल्ट वेबसाइट पर डाल दिया गया है। लगातार शिकायतें आ रही थीं। अब रिजल्ट से मिलान करने से तस्वीर साफ हो जाएगी। बीएसए ही नियुक्ति अधिकारी होते हैं, वे इस रिजल्ट से मिलान करेंगे। यदि कोई फर्जीवाड़ा पाया जाता है तो वे ही कार्रवाई भी करेंगे।
-सर्वेंद्र विक्रम सिंह, निदेशक एससीईआरटी
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