पचास अंक वाले के हो गये 120 से 133 मार्क्स
गाजीपुर : फर्जीवाड़ा करने वाले जाने कहां-कहां पहुंच जाते हैं और कोई भी डिग्री बनवा लेते हैं। इसका सबसे बेहतर उदाहरण टीईटी प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में देखने को मिला है। टीईटी परीक्षा 2011 में पचास से अस्सी अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों ने भी 120 से 133 अंक का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया और कट आफ मेरिट में शामिल हो गए। वहीं अच्छा अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी अभी तक सड़क पर घूम रहे हैं।
गाजीपुर : फर्जीवाड़ा करने वाले जाने कहां-कहां पहुंच जाते हैं और कोई भी डिग्री बनवा लेते हैं। इसका सबसे बेहतर उदाहरण टीईटी प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में देखने को मिला है। टीईटी परीक्षा 2011 में पचास से अस्सी अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों ने भी 120 से 133 अंक का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया और कट आफ मेरिट में शामिल हो गए। वहीं अच्छा अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी अभी तक सड़क पर घूम रहे हैं।