जल्द ही शहरके बच्चों को मिड-डे मील में गरम और शुद्ध भोजन की सौगात मिलने
वाली है। शहर में एक ऐसा सेंट्रलाइज किचन बनाने की तैयारी हो चुकी है।
इसके लिए पूरी कार्ययोजना तैयार हो चुकी है और शनिवार को एसीएम प्रथम की
अगुवाई में नगर निगम द्वारा आवंटित जमीन का निरीक्षण भी कर लिया
गया।परमपुरवा के रतन शुक्ल इंटर कालेज के सामने नगर निगम ने अक्षय पात्र
फाउंडेशन को तीन एकड़ जमीन आवंटित की है।
इसमें मिड-डे मील के तहत एक लाख बच्चों के लिए खाना तैयार किया जाएगा। यह संस्था देश के 23 राज्यों और प्रदेश के 6 जिलों में अभी तक मिडडेमील तैयार कर रही है। प्रदेश में इस संस्था द्वारा वृंदावन में एक सेंट्रलाइज्ड किचन बनाया गया है जिसमें एक साथ एक लाख रोटियां बनाईं जाती हैं। इसके बाद प्लांट से इंसुलेटेड वैन के माध्यम से खाना स्कूलों में सप्लाई किया जाता है, जिससे खाना गरम और शुद्ध रहता है। शनिवार को एसीएम प्रथम योगेंद्र कुमार की अगुवाई में फाउंडेशन के सदस्य श्रीनिवास राव आईआईटी यूनीसेफ के सदस्य अवनीश त्रिपाठी आदि ने जगह का निरीक्षण कर आगे की कार्ययोजना बनाई। उनका कहना था कि सब कुछ ठीक रहा तो अप्रैल तक किचन चालू हो जाएगा। वर्तमान में तो देखरेख के अभाव में यहां पर गंदगी का अंबार है, लेकिन प्लांट लगने के बाद यहां के दिन बहुर जाएंगे। यहां पर आने जाने के दो रास्ते हैं, एक परमपुरवा व दूसरा टायरमंडी की तरफ से है। इसके चलते यहां पर गाड़ियों का आवागमन भी आसानी से हो जाएगा, इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।20 लाख “च्चों के लिए बनता खाना : वर्तमान में कानपुर और आसपास के क्षेत्र में करीब 20 लाख “च्चों के लिए मिड-डे मील के माध्यम से खाने की आपूर्ति की जाती है। अभी तक आए दिन मिड-डे मील के खाने में खामियां मिलनेके मामले सामने आते हैं। प्लांट लग जाने से “च्चों को शुद्ध और गरम खाना मिलेगा।150 लोगों को मिलेगा रोजगार : प्लांट लगने के बाद यहां पर 150 लोगों को रोजगार दिया जाएगा, जबकि कई लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि प्लांट लगने के बाद उनके क्षेत्र का विकास होगा।
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इसमें मिड-डे मील के तहत एक लाख बच्चों के लिए खाना तैयार किया जाएगा। यह संस्था देश के 23 राज्यों और प्रदेश के 6 जिलों में अभी तक मिडडेमील तैयार कर रही है। प्रदेश में इस संस्था द्वारा वृंदावन में एक सेंट्रलाइज्ड किचन बनाया गया है जिसमें एक साथ एक लाख रोटियां बनाईं जाती हैं। इसके बाद प्लांट से इंसुलेटेड वैन के माध्यम से खाना स्कूलों में सप्लाई किया जाता है, जिससे खाना गरम और शुद्ध रहता है। शनिवार को एसीएम प्रथम योगेंद्र कुमार की अगुवाई में फाउंडेशन के सदस्य श्रीनिवास राव आईआईटी यूनीसेफ के सदस्य अवनीश त्रिपाठी आदि ने जगह का निरीक्षण कर आगे की कार्ययोजना बनाई। उनका कहना था कि सब कुछ ठीक रहा तो अप्रैल तक किचन चालू हो जाएगा। वर्तमान में तो देखरेख के अभाव में यहां पर गंदगी का अंबार है, लेकिन प्लांट लगने के बाद यहां के दिन बहुर जाएंगे। यहां पर आने जाने के दो रास्ते हैं, एक परमपुरवा व दूसरा टायरमंडी की तरफ से है। इसके चलते यहां पर गाड़ियों का आवागमन भी आसानी से हो जाएगा, इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।20 लाख “च्चों के लिए बनता खाना : वर्तमान में कानपुर और आसपास के क्षेत्र में करीब 20 लाख “च्चों के लिए मिड-डे मील के माध्यम से खाने की आपूर्ति की जाती है। अभी तक आए दिन मिड-डे मील के खाने में खामियां मिलनेके मामले सामने आते हैं। प्लांट लग जाने से “च्चों को शुद्ध और गरम खाना मिलेगा।150 लोगों को मिलेगा रोजगार : प्लांट लगने के बाद यहां पर 150 लोगों को रोजगार दिया जाएगा, जबकि कई लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि प्लांट लगने के बाद उनके क्षेत्र का विकास होगा।
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