शाहजहांपुर बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं को मिलने
वाली यूनीफार्म की पूरी धनराशि गुरुजनों तक नहीं पहुंच सकी। ऐसे में कपड़ा
व्यापारी व टेलर गुरुजनों से अपनी उधारी मांग रहे हैं। कर्ज चुकाने को हर
रोज गुरुजी के दरवाजे की कुंडी खटकाई जा रही है।
परेशान शिक्षक-शिक्षिकाएं बीएसए दफ्तर के चक्कर काट रही हैं। जहां से उन्हें ऊपर से धनराशि नहीं आने की बात कहते हुए टरका दिया जाता है। प्रत्येक सत्र में छात्र-छात्रओं को दो जोड़ी ड्रेस का वितरण शिक्षा विभाग से किया जाता है।
प्रत्येक ड्रेस के लिए 200 रुपए शासन से भेजे जाते हैं। इसमें 75 प्रतिशत धनराशि दे दी जाती है। बाकी की राशि को ड्रेस वितरण के बाद उपभोग देने पर किया जाता है। इसी महीने में सत्र खत्म हो जाएगा। नया सत्र शुरू भी कर देंगे लेकिन 25 प्रतिशत बाकी ड्रेस की धनराशि का भुगतान नहीं हो पाया।
गुरुजनों ने उधार कपड़ा लिया और टेलर से जल्द धनराशि देने का वादा कर यूनीफार्म सिलवाई थी। इतना समय बीतने के बाद भी व्यापारी व टेलर को रुपए नहीं मिलने पर परेशान हो गए हैं। गुरुजनों से अपनी उधारी चुकाने के लिए तगादा कर रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि बीएसए दफ्तर में अपना दर्द सुनाने पर कोई फायदा नहीं मिलने वाला है क्योंकि, सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी ऊपर से धनराशि नहीं आने की बात कहते हुए हाथ खड़े कर लेते हैं। ऐसे में गुरुजी काफी दिक्कतों से जूझ रहे हैं।
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परेशान शिक्षक-शिक्षिकाएं बीएसए दफ्तर के चक्कर काट रही हैं। जहां से उन्हें ऊपर से धनराशि नहीं आने की बात कहते हुए टरका दिया जाता है। प्रत्येक सत्र में छात्र-छात्रओं को दो जोड़ी ड्रेस का वितरण शिक्षा विभाग से किया जाता है।
प्रत्येक ड्रेस के लिए 200 रुपए शासन से भेजे जाते हैं। इसमें 75 प्रतिशत धनराशि दे दी जाती है। बाकी की राशि को ड्रेस वितरण के बाद उपभोग देने पर किया जाता है। इसी महीने में सत्र खत्म हो जाएगा। नया सत्र शुरू भी कर देंगे लेकिन 25 प्रतिशत बाकी ड्रेस की धनराशि का भुगतान नहीं हो पाया।
गुरुजनों ने उधार कपड़ा लिया और टेलर से जल्द धनराशि देने का वादा कर यूनीफार्म सिलवाई थी। इतना समय बीतने के बाद भी व्यापारी व टेलर को रुपए नहीं मिलने पर परेशान हो गए हैं। गुरुजनों से अपनी उधारी चुकाने के लिए तगादा कर रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि बीएसए दफ्तर में अपना दर्द सुनाने पर कोई फायदा नहीं मिलने वाला है क्योंकि, सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी ऊपर से धनराशि नहीं आने की बात कहते हुए हाथ खड़े कर लेते हैं। ऐसे में गुरुजी काफी दिक्कतों से जूझ रहे हैं।
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