इस होली होगा शिक्षा शत्रुओं का दहन : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

मित्रों, जैसा की आप सभी को ज्ञात है कि राज्य सरकार शिक्षा मित्रों के समायोजन हेतु पूर्ण रूप से समर्पित है। सरकार शिक्षा मित्रों में इतनी खो चुकी है कि अब सरकार को सोते जागते केवल शिक्षा मित्रों के समायोजन के अलावा कोई ख्याल नहीं आता। यहाँ तक कि सरकार अब बीटीसी प्रशिक्षुओं को भी पहचानने से इंकार कर चुकी है। सरकार ने तन, मन और धन से शिक्षामित्रों को अपना प्राणनाथ मान लिया है।

पदों की संख्या न होने के बावजूद भी आनन फानन में बैठकें बुलाई जाती हैं और जरुरी पदों की जुगाड़ की जाती है ताकि एक भी शिक्षामित्र छूटने न पाए और सभी 92,000 शिक्षामित्र समायोजित हो सकें। और दूसरी तरफ हर विभाग में योग्य एवं उत्तम 25,000 बीटीसी प्रशिक्षुओं हेतु सरकार 15,000 से 1 पद भी ज्यादा देने को तैयार नहीं है। जिस प्रकार एक छोटा बच्चा मिटटी से बने खिलौनों जो कि छड़ भर में टूट जाएंगे, के लिए बेचैन हो जाता है तथा ज़मीन पर लोट लोट कर खिलौना पाने की ज़िद करने लगता है उसी प्रकार यह सरकार शिक्षामित्रों के लिए बावली हो गई है।
उन मिट्टी के खिलौनों की भांति इन शिक्षामित्रों के टूटने का भी समय आ चुका है, मित्रों। इस होली अन्याय एवं असत्य के पुजारी इन अवैध एवं अयोग्य शिक्षा मित्रों का दहन होगा और सपा सरकार को आईना दिखाया जाएगा कि किस प्रकार यह सरकार छल एवं कपट का सहारा लेकर शिक्षा मित्रों का समायोजन कर रही है। शिक्षा मित्रों के अवैध समायोजन के खिलाफ उच्च न्यायलय की लखनऊ पीठ में लंबित याचिका की सुनवाई 10 मार्च को होना तय हुआ है जिसमे सुनवाई होना निश्चित है। मित्रों, सरकार पिछले काफी महीनों से जबाव दाखिल करने के नाम पर टालमटोल कर रही है लेकिन अब न्यायाधीश महोदय ने साफ़ कर दिया है कि यदि अब आपका जबाव नहीं आता है तब हम यह मानेंगे कि आपके पास कहने को कुछ नहीं है।
मित्रों, आज इन शिक्षामित्रों ने हम हर मायने में योग्य एवं उत्तम बीटीसी प्रशिक्षुओं को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है कि सुयोग्य होने के बावजूद भी हमें अब नौकरी के लाले पड़ रहे हैं। हमारे हिस्से के पद यह शिक्षामित्र ठीक उसी प्रकार हजम कर रहे हैं जिस प्रकार टिड्डियों का समूह फसल चट कर जाता है।
यदि अब भी समस्त बीटीसी प्रशिक्षुओं ने मिलकर इन शिक्षामित्रों, जिनको स्वयं हमारे देश की उच्चतम न्यायालय ने शिक्षाशत्रु की संज्ञा दी है, को नहीं रोका तो यह शिक्षामित्र सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था को दीमक की भाँति अन्दर से खोखला कर देंगे और हमारे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का ढांचा भरभरा कर गिर जाएगा साथ ही साथ जिन पदों पर हमारा हक़ है वह पद भी यह लोग बिना डकार मारे खा जाएंगे। यदि इन्हें नहीं रोका गया तो आने वाले 10 साल तक कोई भी भर्ती नहीं आ पाएगी जिसका सबसे ज्यादा नुकसान 2012 प्राइवेट एवं सम्पूर्ण 2013 बीटीसी को उठाना होगा।
अतः आप सभी जुझारू प्रशिक्षुओं से मेरा करबद्ध अनुरोध है कि कृपया आगे आकर अपने हक़ की लड़ाई में सहयोग दें जिससे प्रत्येक बीटीसी एवं टीईटी उत्तीर्ण बीटीसी प्रशिक्षु को उसका हक़ मिल सके। सभी प्रशिक्षु, शिक्षा मित्र केस के मुख्य याची Mohd Arshad भाई के बैंक खाते में अपना अपना सहयोग अपनी सुविधानुसार जल्द से जल्द जमा कर दें ताकि 10 मार्च को होने वाली सुनवाई के लिए एक अच्छे अधिवक्ता को खड़ा किया जा सके।
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