झांसी।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित होने वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक
विद्यालयों में बाल संसद नहीं बनाई जा रही है। यही वजह है कि बच्चे
साफ-सफाई के बारे में अधिक जागरूक नहीं हैं।बेसिक शिक्षा परिषद के झांसी जनपद में प्राथमिक 1265 और उच्च प्राथमिक 656
विद्यालय हैं। नगर क्षेत्र में 76 प्राइमरी और 21 उच्च प्राथमिक विद्यालय
हैं। इन विद्यालयों में बाल संसद बनाए जाने का नियम है।
ताकि बच्चों को साफ-सफाई के बारे में पूर्ण जानकारी हो सके। सोच है कि जब बच्चे साफ-सफाई का ख्याल रखेंगे तो अन्य भी प्रेरणा लेंगे और वह भी स्वच्छ रहेंगे।
मगर अधिकतर विद्यालयों में बाल संसद बनी ही नहीं है। जहां बनी है वहां पर उसका कोई कार्य नहीं हो रहा है। बीएसए राजेश सिंह ने कहा कि बाल संसद सभी विद्यालयों में बननी है।
बाल संसद के दायित्व
स्कूलों में गठित बाल संसद में स्वास्थ्य और स्वच्छता मंत्री व उप मंत्री का गठन किया जाता है। यह अपने साथियों और शिक्षकों के सहयोग से साफ-सफाई की देखरेख करते हैं। संसद को मध्याह्न भोजन करने से पहले बच्चों को साबुन से हाथ धोने के लिए प्रेरित करना होता है।
बच्चों को नहीं मिल पा रहा है लाभ
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
ताकि बच्चों को साफ-सफाई के बारे में पूर्ण जानकारी हो सके। सोच है कि जब बच्चे साफ-सफाई का ख्याल रखेंगे तो अन्य भी प्रेरणा लेंगे और वह भी स्वच्छ रहेंगे।
मगर अधिकतर विद्यालयों में बाल संसद बनी ही नहीं है। जहां बनी है वहां पर उसका कोई कार्य नहीं हो रहा है। बीएसए राजेश सिंह ने कहा कि बाल संसद सभी विद्यालयों में बननी है।
बाल संसद के दायित्व
स्कूलों में गठित बाल संसद में स्वास्थ्य और स्वच्छता मंत्री व उप मंत्री का गठन किया जाता है। यह अपने साथियों और शिक्षकों के सहयोग से साफ-सफाई की देखरेख करते हैं। संसद को मध्याह्न भोजन करने से पहले बच्चों को साबुन से हाथ धोने के लिए प्रेरित करना होता है।
बच्चों को नहीं मिल पा रहा है लाभ
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
0 Comments