फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : बीएसए कार्यालय में सोमवार को जमकर हाईप्रोफाइल ड्रामा हुआ। प्रशिक्षु शिक्षकों ने मानदेय न मिलने के विरोध में कार्यालय के वित्त एवं लेखाधिकारी से न सिर्फ हाथापाई की, बल्कि उन्हें चूडि़यां पहनाने की कोशिश की। घटना के दौरान ही बीएसएस और लेखाधिकारी के बीच नोकझोंक हुई। बीएसए कार्यालय परिसर स्थित बढ़पुर बीआरसी पर प्रशिक्षु शिक्षकों ने मानदेय न मिलने पर प्रशिक्षण के बहिष्कार की घोषणा कर दी। 50 से अधिक प्रशिक्षु शिक्षक बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आ धमके।
बीएसए और वित्त एवं लेखाधिकारी गजेंद्र ¨सह गौर के कक्ष के बाहर बरामदे में बैठकर महिला शिक्षिकाओं ने धरना देकर नारेबाजी की। धरने में मौजूद शिक्षक नेता आर्येंद्र यादव लेखाधिकारी को वार्ता के लिए कक्ष से बाहर लाए। गजेंद्र सिंह गौर ने नियमों का हवाला दिया तो उनकी हू¨टग कर दी गई। इस पर वह वापस अपने कक्ष में चले गये। शिक्षक आदेश बाजपेई, अनुज कटियार, आशीश, इंदू अरोड़ा, विभा चौहान व शिवकुमार दुबे आदि ने कहा कि कई जिलों में भुगतान हो गया है, लेकिन यहां भुगतान नहीं हो रहा है। कई अन्य शिक्षकों ने खड़े होकर आरोप लगाया कि बीएसए कार्यालय में पहले वही काम होता है, जिसमें रिश्वत मिलती है। इस शिक्षक बीएसए के कक्ष में पहुंच गये। कक्ष में बुलाये जाने पर लेखाधिकारी ने बीएसए से कहा कि बिना प्रक्रिया पूरी हुए मानदेय भुगतान का कोई शासनादेश हो तो दिखाइये। इस पर बीएसए ने कहा कि शिक्षामित्रों के दो-दो लाख रुपये एरियर के लिए उन्होंने कोई आदेश नहीं दिया। फिर कैसे लेखा विभाग शिक्षा मित्रों को एरियर दे रहा है? नियुक्ति अधिकारी वह स्वयं हैं। भुगतान के लिए वही जिम्मेदार हैं। इस बीच लेखाधिकारी व बीएसए में ही नोकझोंक होने लगी। यह नजारा देख शिक्षिकाओं ने अपने हाथों से चूड़ियां उतारकर लेखाधिकारी को पहनाने का प्रयास किया। शिक्षिकाओं के उग्र रूप को देखकर बीएसए ने कहा कि उनके कमरे में यह नहीं होगा, लेकिन शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय का मुख्य गेट अंदर से बंद कर जमकर नारेबाजी की। कुछ देर बाद शिक्षकों के गेट खोलने पर जैसे ही लेखाधिकारी ने बाहर निकलने का प्रयास किया तो शिक्षकों ने उनसे हाथापाई कर दी। काफी देर तक उन्हें घेरे रखा।
'गेंद मेरे पाले में फेंक दी'
लेखाधिकारी ने शिक्षकों से कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किये बिना भुगतान कराना चाहते हैं। उन्होंने बिना आवश्यक कार्रवाई के मेरे पाले में गेंद फेंक दी। अब तक जिले के प्रशिक्षु शिक्षकों की सूची भी उन्हें नहीं दी गई। नोटरी शपथपत्र व टीईटी के अंक वेबसाइट से सत्यापित कर टिप्पणी अंकित करने और सूची न दिये जाने से भुगतान में विलंब हुआ।
45 प्रशिक्षु शिक्षकों को भुगतान
काफी देर तक चले ड्रामे के बाद आखिर बढ़पुर के 45 प्रशिक्षु शिक्षकों को 7300 रुपये प्रति माह के हिसाब से भुगतान की कार्रवाई कर दी गई। लेखाधिकारी ने बताया कि बेसिक शिक्षाधिकारी से शिक्षकों के शपथ पत्र आदि मिल जाने का पत्र प्राप्त होते ही उन्होंने बिल पास कर दिया है।
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बीएसए और वित्त एवं लेखाधिकारी गजेंद्र ¨सह गौर के कक्ष के बाहर बरामदे में बैठकर महिला शिक्षिकाओं ने धरना देकर नारेबाजी की। धरने में मौजूद शिक्षक नेता आर्येंद्र यादव लेखाधिकारी को वार्ता के लिए कक्ष से बाहर लाए। गजेंद्र सिंह गौर ने नियमों का हवाला दिया तो उनकी हू¨टग कर दी गई। इस पर वह वापस अपने कक्ष में चले गये। शिक्षक आदेश बाजपेई, अनुज कटियार, आशीश, इंदू अरोड़ा, विभा चौहान व शिवकुमार दुबे आदि ने कहा कि कई जिलों में भुगतान हो गया है, लेकिन यहां भुगतान नहीं हो रहा है। कई अन्य शिक्षकों ने खड़े होकर आरोप लगाया कि बीएसए कार्यालय में पहले वही काम होता है, जिसमें रिश्वत मिलती है। इस शिक्षक बीएसए के कक्ष में पहुंच गये। कक्ष में बुलाये जाने पर लेखाधिकारी ने बीएसए से कहा कि बिना प्रक्रिया पूरी हुए मानदेय भुगतान का कोई शासनादेश हो तो दिखाइये। इस पर बीएसए ने कहा कि शिक्षामित्रों के दो-दो लाख रुपये एरियर के लिए उन्होंने कोई आदेश नहीं दिया। फिर कैसे लेखा विभाग शिक्षा मित्रों को एरियर दे रहा है? नियुक्ति अधिकारी वह स्वयं हैं। भुगतान के लिए वही जिम्मेदार हैं। इस बीच लेखाधिकारी व बीएसए में ही नोकझोंक होने लगी। यह नजारा देख शिक्षिकाओं ने अपने हाथों से चूड़ियां उतारकर लेखाधिकारी को पहनाने का प्रयास किया। शिक्षिकाओं के उग्र रूप को देखकर बीएसए ने कहा कि उनके कमरे में यह नहीं होगा, लेकिन शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय का मुख्य गेट अंदर से बंद कर जमकर नारेबाजी की। कुछ देर बाद शिक्षकों के गेट खोलने पर जैसे ही लेखाधिकारी ने बाहर निकलने का प्रयास किया तो शिक्षकों ने उनसे हाथापाई कर दी। काफी देर तक उन्हें घेरे रखा।
'गेंद मेरे पाले में फेंक दी'
लेखाधिकारी ने शिक्षकों से कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किये बिना भुगतान कराना चाहते हैं। उन्होंने बिना आवश्यक कार्रवाई के मेरे पाले में गेंद फेंक दी। अब तक जिले के प्रशिक्षु शिक्षकों की सूची भी उन्हें नहीं दी गई। नोटरी शपथपत्र व टीईटी के अंक वेबसाइट से सत्यापित कर टिप्पणी अंकित करने और सूची न दिये जाने से भुगतान में विलंब हुआ।
45 प्रशिक्षु शिक्षकों को भुगतान
काफी देर तक चले ड्रामे के बाद आखिर बढ़पुर के 45 प्रशिक्षु शिक्षकों को 7300 रुपये प्रति माह के हिसाब से भुगतान की कार्रवाई कर दी गई। लेखाधिकारी ने बताया कि बेसिक शिक्षाधिकारी से शिक्षकों के शपथ पत्र आदि मिल जाने का पत्र प्राप्त होते ही उन्होंने बिल पास कर दिया है।
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