ALLAHABAD: दिल में ऐसी खुशी की आंखें तक बयां कर रही थी। कोई सेल्फी ले रहा था तो कोई घरवालों को फोन पर बात कर रहा था। ऐसे में कई लोगों के जज्बात उनकी आंखों से झलक आए। एक- दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दी गई। हर कोई खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहा था।
आखिर मौका भी कुछ ऐसी खुशी का था। दरअसल, इस दिवाली पर टीईटी 2011 में चयनित प्रशिक्षुओं चार साल का लंबा वनवास रूपी इंतजार खत्म हुआ और उन्हें एप्वाइंटमेंट लेटर का तोहफा मिला तो इस बार का त्योहार यादगार बन गया। दिवाली से ठीक पहले समृद्धि के प्रतीक माने जाने वाले पर्व धनतेरस के दिन 958 प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के लिए सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय पर कॉल किया गया था।
विवादों के बाद मिली नौकरी
सूबे के परिषदीय स्कूलों में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए वर्ष 2011 में पहली बार प्रदेश में टीईटी यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया। उस समय लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, लेकिन परीक्षा के बाद से ही टीईटी को लेकर विवाद शुरू हो गए। उसके बाद साल दर साल ये सिलसिला चलता रहा। आखिरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबे चले केस के बाद चयनित अभ्यर्थियों के काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की गई। उसके बाद उन्हें छह माह का प्रशिक्षण देकर परीक्षा कराई गई और धनतेरस के दिन ही नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र दे दिया गया। हालांकि नियुक्ति पत्र में साफ लिखा गया है कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में दायर विभिन्न याचिकाओं पर कोर्ट के आखिरी फैसले पर ये नियुक्ति निर्भर रहेगी।
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