सर्विस रिकार्ड में दर्ज जन्म तिथि ही मान्य : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

हाईकोर्ट ने जन्म तिथि को लेकर पैदा होने वाले विवाद का समाधान करते हुए कहा है कि किसी कर्मचारी के सर्विस रिकार्ड में दर्ज जन्म तिथि ही अंतिम रूप से मान्य होगी।
यही जन्म तिथि सभी कार्यों में मानी जाएगी। यदि कर्मचारी सेवा में आने के बाद कोई शैक्षिक अर्हता प्राप्त करता है तो उसमें दर्ज जन्म तिथि को आधार बनाकर बाद में सर्विस रिकार्ड में बदलाव करना अनुचित है।
प्रदेश सरकार की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति
यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश दिया।
सरकार ने अपील तेज राम कश्यप के पक्ष में दिए गए एकल न्यायपीठ के आदेश के विरुद्ध दाखिल की थी। तेज राम में जन्म तिथि में बदलाव के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उसने अपनी जन्म तिथि बदल कर 15 फरवरी 1956 की जगह 15 फरवरी 1959 किए जाने की मांग की। एकल पीठ ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगे बिना याची द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर जन्म तिथि बदलने की अनुमति दे दी।
इसे प्रदेश सरकार ने अपील में चुनौती दी। कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सेवा नियमावली के अनुसार जन्म तिथि की गणना कर्मचारी द्वारा प्रस्तुत हाईस्कूल के प्रमाणपत्र में अंकित जन्म तिथि से की जाएगी। यदि हाईस्कूल या उसके समकक्ष योग्यता का प्रमाणपत्र नहीं है तो सर्विस बुक में दर्ज जन्म तिथि को ही माना जाएगा। प्रोन्नति या अवकाश ग्रहण में भी यही जन्म तिथि मानी जाएगी। बाद में किसी प्रकार का संशोधन स्वीकार्य नहीं होगा। यहां सेवा में आने के 26 साल बाद जन्म तिथि में संशोधन की मांग की गई। जबकि कर्मचारी ने सेवा ग्रहण करते समय स्वयं अपनी आयु 22 स्वीकार की थी। उसने आवेदन पर हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान भी लगाया है। याची द्वारा इंटर कालेज के प्राचार्य द्वारा जारी जन्म तिथि का दस्तावेज स्वीकार्य नहीं है।
null
Sponsored links :
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC