राज्य सरकार ने अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) महाविद्यालयों में पिछले 25
वर्षों से ज्यादा समय से नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने का फैसला
किया है। सरकार अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक
विद्यालयों के लगभग 2000 तदर्थ और अल्पकालिक शिक्षकों को भी पक्की नौकरी
देने जा रही है।
सरकार ने एडेड महाविद्यालयों में तीन जनवरी 1984 से 22 जनवरी 1991 तक तदर्थ आधार पर नियुक्त उन शिक्षकों को पक्की नौकरी देने का निर्णय किया है जिन्हें इस समयावधि में महाविद्यालयों में मौलिक रिक्ति न होने के कारण विनियमित नहीं किया जा सका था। एडेड महाविद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। तदर्थ शिक्षकों के विनियमित होने पर उन्हें वेतनवृद्धि, करियर एडवांसमेंट स्कीम, सुनिश्चित वित्तीय स्तरोन्नयन (एसीपी), पेंशन, जीपीएफ आदि लाभ मिल सकेंगे। अब राज्य सरकार विधानमंडल के चालू सत्र में ‘उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक 2016’ पेश करेगी। इसके साथ ही राज्य सरकार अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सात अगस्त 1993 से 30 दिसंबर 2000 तक नियुक्त तदर्थ शिक्षकों और सात अगस्त 1993 से 25 जनवरी 1999 तक नियुक्त अल्पकालिक शिक्षकों को भी विनियमित करने जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगने पर सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लगभग दो हजार तदर्थ और अल्पकालिक शिक्षकों की पक्की नौकरी का रास्ता साफ हो जाएगा।
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सरकार ने एडेड महाविद्यालयों में तीन जनवरी 1984 से 22 जनवरी 1991 तक तदर्थ आधार पर नियुक्त उन शिक्षकों को पक्की नौकरी देने का निर्णय किया है जिन्हें इस समयावधि में महाविद्यालयों में मौलिक रिक्ति न होने के कारण विनियमित नहीं किया जा सका था। एडेड महाविद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। तदर्थ शिक्षकों के विनियमित होने पर उन्हें वेतनवृद्धि, करियर एडवांसमेंट स्कीम, सुनिश्चित वित्तीय स्तरोन्नयन (एसीपी), पेंशन, जीपीएफ आदि लाभ मिल सकेंगे। अब राज्य सरकार विधानमंडल के चालू सत्र में ‘उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक 2016’ पेश करेगी। इसके साथ ही राज्य सरकार अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सात अगस्त 1993 से 30 दिसंबर 2000 तक नियुक्त तदर्थ शिक्षकों और सात अगस्त 1993 से 25 जनवरी 1999 तक नियुक्त अल्पकालिक शिक्षकों को भी विनियमित करने जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगने पर सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लगभग दो हजार तदर्थ और अल्पकालिक शिक्षकों की पक्की नौकरी का रास्ता साफ हो जाएगा।
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