अगर आप ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (मेन्स) में बैठने जा रहे हैं तो अब
समय आ गया है कि आप अपनी तैयारी को गति दें। निश्चित सफलता के लिए आपको
रणनीति बनाकर स्टेप बाई स्टेप तैयारी करनी होगी। इसके लिए उन गलतियों से
बचना जरूरी है, जो कई विद्यार्थी तैयारी के दौरान कर बैठते हैं।
खास बात यह है कि इस बार मेंस परीक्षा में दिव्यांग कंडिडेट्स को भी सहूलियत दी गई है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने जेईई मेंस में दिव्यांग कंडिडेट्स को एक घंटे का अतिरिक्त समय देने का फैसला लिया है। सीबीएसई ने कहा है कि 40 फीसदी या उससे अधिक दिव्यांग कंडिडेट्स को प्रश्नपत्र हल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा। जिससे वे आराम से प्रश्नपत्र हल कर लें।
इसके अलावा 40 फीसदी या उससे अधिक अक्षम कंडिडेट्स को परीक्षा कक्ष में रीडर (सहायक) भी उपलब्ध कराया जाएगा। जेईई मेन की ऑफलाइन मोड में परीक्षा तीन अप्रैल और ऑनलाइन परीक्षा नौ व दस अप्रैल को देशभर के कई शहरों में होनी है। परीक्षा की तैयारी व उससे जुड़ी कुछ अहम जानकारियों को साझा की हमारे एक्सपर्ट ने -
एक दिन पहले मिल सकेंगे रीडर से140 फीसद या उससे अधिक अक्षम कंडिडेट्स को रीडर के लिए केंद्र अधीक्षक से आवेदन करना होगा। सीबीएसई ने कहा है कि जो अभ्यर्थी रीडर (सहायक) के लिए आवेदन देंगे, उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले ही रीडर से मिलने की अनुमति दी जाएगी ताकि परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी व रीडर में तालमेल बना रहे।
डाउनलोड करें एडमिट कार्ड व एक्नॉलेजमेंट स्लिप
सीबीएसई ने परीक्षा में शामिल होने वाले कंडिडेट्स के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। इसे इनरोलमेंट नंबर के जरिए जेईई मेंस की ऑफिशियली वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
इसके अलावा जेईई (मेन) के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी एक्नॉलेजमेंट स्लिप भी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। 1
परीक्षा के दौरान इन गलतियों से बचें1
जेईई मेंस16दिव्यांग कंडिडेट्स को मिलेगा एक घंटे का अतिरिक्त समय16तीन, आठ व नौ अप्रैल को होनी हैं परीक्षाएं 14
परीक्षा की तैयारियों के दौरान अक्सर परीक्षार्थी ऐसी गलतियां कर बैठता है, जो उन्हें नुकसान पहुंचाती हैं। जेईई मेंस एक्सपर्ट प्रो.जीसी नंदी ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे बचकर परीक्षार्थी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
समय की बर्बादी
जेईई मेंस की तैयारी करने वाले को समय मुश्किल से मिलता है। ऐसे में अगर आपने अपना समय किसी और जगह दिया तो आपका प्रदर्शन खराब हो सकता है। बेहतर होगा कि आप कुछ दिन अपने हैंडसेट, टीवी और मित्रों के साथ समय बर्बाद न करें। ज्यादा किताबें पढ़ना ज्यादा पढ़ाई करना गलत नहीं है लेकिन यदि आप कई अलग-अलग किताबों से पढ़ाई करते हैं तो आपके कन्फ्यूज होने की संभावना बढ़ जाएगी। वैसे अगर आप सिर्फ एनसीईआरटी की किताबों से ही तैयारी करें तो आपको काफी फायदा मिल सकता है।
न्यूमेरिकल की उपेक्षा न करें
बहुत से परीक्षार्थी थ्योरेटिकल पार्ट की पढ़ाई में न्यूमेरिकल को तैयार करना भूल जाते हैं। उसपर फोकस न करना उन्हें परीक्षा में नुकसान पहुंचा सकता है। जब तक आप न्यूमेरिकल सॉल्व न कर लें, कभी यह न सोचें की चैप्टर खत्म हो गया है। न्यूमेरिकल की अपनी अलग अहमियत है, इसमें सॉलिड मार्कस पाए जा सकते हैं।
सभी सब्जेक्ट्स पर दें ध्यान
किसी भी एक विषय की तैयारी करना बाकी विषयों के लिहाज से खतरनाक हो सकता है। आप एक ही विषय की पढ़ाई करके उस विषय में तो अच्छे अंक पा सकते हैं, लेकिन बाकी विषयों में आपका प्रदर्शन खराब हो सकता है। बेहतर यही होगा कि आप सभी विषयों पर फोकस करें, ताकि तैयारी में संतुलन संतुलन बना रहे।
दसवीं-ग्यारहवीं के सलेबस पर करें फोकस1 विद्यार्थी अक्सर दसवीं और 11वीं के सलेबस को नजरअंदाज करते हैं, लेकिन अगर आपको आइआइटी जैसे संस्थान में दाखिला पाना चाहते हैं तो आपको इसपर विशेष फोकस करना होगा।
एक प्रश्न पर अटक जाना
किसी भी प्रश्न को नजरअंदाज न करें। जो प्रश्न आपको टफ लग रहा हो, उसे अपने टीचर से डिस्कस करें। परीक्षा में यदि आपको कोई सवाल नहीं आ रहा है तो उससे आगे बढ़ जाएं। उसपर समय बर्बाद न करें।
तनाव न लें
परीक्षा को लेकर ज्यादा स्ट्रेस लेने की जरूरत नहीं है, वरना आप डिप्रेशन में जा सकते हैं और आपका प्रदर्शन बद से बदतर हो सकता है। ठंडे दिमाग से पेपर दीजिए। तनाव में पड़ने से आपका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
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खास बात यह है कि इस बार मेंस परीक्षा में दिव्यांग कंडिडेट्स को भी सहूलियत दी गई है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने जेईई मेंस में दिव्यांग कंडिडेट्स को एक घंटे का अतिरिक्त समय देने का फैसला लिया है। सीबीएसई ने कहा है कि 40 फीसदी या उससे अधिक दिव्यांग कंडिडेट्स को प्रश्नपत्र हल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा। जिससे वे आराम से प्रश्नपत्र हल कर लें।
इसके अलावा 40 फीसदी या उससे अधिक अक्षम कंडिडेट्स को परीक्षा कक्ष में रीडर (सहायक) भी उपलब्ध कराया जाएगा। जेईई मेन की ऑफलाइन मोड में परीक्षा तीन अप्रैल और ऑनलाइन परीक्षा नौ व दस अप्रैल को देशभर के कई शहरों में होनी है। परीक्षा की तैयारी व उससे जुड़ी कुछ अहम जानकारियों को साझा की हमारे एक्सपर्ट ने -
एक दिन पहले मिल सकेंगे रीडर से140 फीसद या उससे अधिक अक्षम कंडिडेट्स को रीडर के लिए केंद्र अधीक्षक से आवेदन करना होगा। सीबीएसई ने कहा है कि जो अभ्यर्थी रीडर (सहायक) के लिए आवेदन देंगे, उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले ही रीडर से मिलने की अनुमति दी जाएगी ताकि परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी व रीडर में तालमेल बना रहे।
डाउनलोड करें एडमिट कार्ड व एक्नॉलेजमेंट स्लिप
सीबीएसई ने परीक्षा में शामिल होने वाले कंडिडेट्स के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। इसे इनरोलमेंट नंबर के जरिए जेईई मेंस की ऑफिशियली वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
इसके अलावा जेईई (मेन) के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी एक्नॉलेजमेंट स्लिप भी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। 1
परीक्षा के दौरान इन गलतियों से बचें1
जेईई मेंस16दिव्यांग कंडिडेट्स को मिलेगा एक घंटे का अतिरिक्त समय16तीन, आठ व नौ अप्रैल को होनी हैं परीक्षाएं 14
परीक्षा की तैयारियों के दौरान अक्सर परीक्षार्थी ऐसी गलतियां कर बैठता है, जो उन्हें नुकसान पहुंचाती हैं। जेईई मेंस एक्सपर्ट प्रो.जीसी नंदी ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे बचकर परीक्षार्थी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
समय की बर्बादी
जेईई मेंस की तैयारी करने वाले को समय मुश्किल से मिलता है। ऐसे में अगर आपने अपना समय किसी और जगह दिया तो आपका प्रदर्शन खराब हो सकता है। बेहतर होगा कि आप कुछ दिन अपने हैंडसेट, टीवी और मित्रों के साथ समय बर्बाद न करें। ज्यादा किताबें पढ़ना ज्यादा पढ़ाई करना गलत नहीं है लेकिन यदि आप कई अलग-अलग किताबों से पढ़ाई करते हैं तो आपके कन्फ्यूज होने की संभावना बढ़ जाएगी। वैसे अगर आप सिर्फ एनसीईआरटी की किताबों से ही तैयारी करें तो आपको काफी फायदा मिल सकता है।
न्यूमेरिकल की उपेक्षा न करें
बहुत से परीक्षार्थी थ्योरेटिकल पार्ट की पढ़ाई में न्यूमेरिकल को तैयार करना भूल जाते हैं। उसपर फोकस न करना उन्हें परीक्षा में नुकसान पहुंचा सकता है। जब तक आप न्यूमेरिकल सॉल्व न कर लें, कभी यह न सोचें की चैप्टर खत्म हो गया है। न्यूमेरिकल की अपनी अलग अहमियत है, इसमें सॉलिड मार्कस पाए जा सकते हैं।
सभी सब्जेक्ट्स पर दें ध्यान
किसी भी एक विषय की तैयारी करना बाकी विषयों के लिहाज से खतरनाक हो सकता है। आप एक ही विषय की पढ़ाई करके उस विषय में तो अच्छे अंक पा सकते हैं, लेकिन बाकी विषयों में आपका प्रदर्शन खराब हो सकता है। बेहतर यही होगा कि आप सभी विषयों पर फोकस करें, ताकि तैयारी में संतुलन संतुलन बना रहे।
दसवीं-ग्यारहवीं के सलेबस पर करें फोकस1 विद्यार्थी अक्सर दसवीं और 11वीं के सलेबस को नजरअंदाज करते हैं, लेकिन अगर आपको आइआइटी जैसे संस्थान में दाखिला पाना चाहते हैं तो आपको इसपर विशेष फोकस करना होगा।
एक प्रश्न पर अटक जाना
किसी भी प्रश्न को नजरअंदाज न करें। जो प्रश्न आपको टफ लग रहा हो, उसे अपने टीचर से डिस्कस करें। परीक्षा में यदि आपको कोई सवाल नहीं आ रहा है तो उससे आगे बढ़ जाएं। उसपर समय बर्बाद न करें।
तनाव न लें
परीक्षा को लेकर ज्यादा स्ट्रेस लेने की जरूरत नहीं है, वरना आप डिप्रेशन में जा सकते हैं और आपका प्रदर्शन बद से बदतर हो सकता है। ठंडे दिमाग से पेपर दीजिए। तनाव में पड़ने से आपका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
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