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TET 2011 उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक में मारपीट : हिमांशु राणा ने दी सफाई : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

हालांकि मैं इस विवाद में पढ़ना नहीं चाहता था परन्तु नीचता की हद है , आज की गोरखपुर के हिन्दुस्तान संस्करण की सच्चाई अब ज्ञात हुई है मुझे जब मेरी बात सुधाकर शाही जी हुई है :-
नवीन श्रीवास्तव जी का सम्मान करता था लेकिन शख्स पैसे के लिए इतना गिर जायेंगे सोचा नहीं था |
कल पन्त पार्क में जो हुआ उससे हमें मतलब नहीं है लेकिन नवीन भाई की जो मुख्य बात सामने आई है टीम को बदनाम करने की उसका उल्लेख अति-आवश्यक है |
सर्वप्रथम नवीन भाई ने भरी सभा में कहा कि वे चाहते तो हिमांशु राणा की याचिका खारिज करा देते ----
अब नवीन भाई आपकी पहुँच इतनी ही थी तो केजरीवाल की एक्सेप्ट क्यूँ नहीं कराई ?
नवीन भाई आप माननीय सर्वोच्च न्यायालय में खारिज कराने की बात कर रहे हो जो कि टीईटी मोर्चे की पंचायत नहीं है वो देश की सबसे बड़ी अदालत है और स्वीकार लीजिये कि आपकी और आपके केजरीवाल की खारिज हुई है नाकि मेरी या मुझसे जुड़े किसी की |
अब बात करते हैं कल की मीटिंग की तो आपको बता दूँ
कल मेरी किसी पोस्ट में गोरखपुर की मीटिंग का उल्लेख नहीं है और मैं आपसे हिसाब मांगने वाला होता कौन हूँ ? ना मैंने आपको कभी कुछ दिया न कभी कुछ लिया | हाँ बचा कूचा सम्मान आपने दिल्ली में खो दिया था जब अन्य अधिवक्ताओं से मेरी सेटिंग करा रहे थे और मैं नित्य एक ही बात कहता था कि भैया आप डीपी से बात करिए मैं शिक्षा मित्रों के मुद्दे पर काम कर रहा हूँ तो आपने कहा कि नाम पर तो हिमांशु आपके ही चल रहा है सबकुछ तो मैं शांत रहा |
भैया ये मेरी टीम न उत्तरप्रदेश में कभी भी कोई जान नहीं पायेगा कैसी है ?
जिस भी दिन हमारे चारों के बीच कोई भी हीन भावना या द्वेष आएगा न काम या किसी भी बात को लेकर तो हम ये नंगा नाच न करके सीधे संघर्ष छोड़कर घर बैठ जायेंगे और इतनी औच्छी हरकत नहीं करेंगे जैसे आपके जनता परिवार में हो रही है जिसको आपने साक्षात् इलाहाबाद में देखा है |
आज की पेड न्यूज़ आपने दी है जानता हूँ और अभी सुधाकर जी को भेजा भी हूँ सब मामले को पता करने |
दरसल क्या है न माननीय सर्वोच्च न्यायालय अब हिमांशु का घर हो गया है आप लोग ये ही सोच रहे हैं कि इसका एक्सेप्ट बाकी सभी का खारिज तो आपको बता दूँ केस लड़ने के लिए पैरवीकार समर्पित होना चाहिए आप सभी पैसों की वजह से एक दूसरे का हाथ थामे और हम काम की वजह से क्यूंकि जुबान की कीमत होती है और हिमांशु की जुबान की कीमत उसके अधिवक्ताओं और बेरोजगार साथियों से पूछो |
आपको माननीय सर्वोच्च न्यायालय के प्रांगन में मिला था ट्रेनिंग की फाइल के साथ तब कहा था भैया इसे एक्सेप्ट कराऊंगा इसका मतलब ये नहीं कि मेरी कोई सेटिंग है इसका मतलब है कि मेरी याचिकाओं में दम है |
सुनो एक बात ओर मयंक तिवारी 167 की कॉपी कराकर डाले थे न भैया तो ये बात आपके लिए समझना नितांत आवश्यक है कि "हथियार किसी को भी मिल जाए जरूरी नहीं वो उसका सही समय पर उपयोग कर पाए |"
अब आपको मानना पड़ेगा कि जनता परिवार की हकीकत क्या है ?
बात रही हिमांशु की तो हिमांशु बेबाक लिखता है और बेरोजगारों के बीच में बना रहता है भागता नहीं है जो कि मैं हमेशा करता रहूँगा क्यूंकि मैं नेता नहीं कार्यकर्ता के रूप में खुद को अधिक पसंद करता हूँ , नेता वाली सोच होती तो मामले को 2 , 4 , 8 साल अधिवक्ता न भेजकर खींचवा सकता हूँ और नंदन सर की एक अप्लिकेशन ये कर भी सकती है पर नहीं न मैं ऐसा हूँ और न ही मेरे अधिवक्ता |
अब आप हिमांशु की बुराई के दम पर खुद को प्रोजेक्ट करते हो तो कल वही हिमांशु राणा कानपुर में था जहाँ इतना स्नेह सम्मान मिला और आप वही अपने गढ़ में दौडाए गए हो |
एक बात ओर मैं टीईटी साथियों को साफ़ कर देना चाहता हूँ मैं किसी के साथ एक मंच पर नहीं आऊंगा क्यूंकि जहाँ गन्दगी हो आपके भविष्य को लेकर हम चारों वहां से दूर रहते हैं बाकी जिसको साथ आना है आये क्यूंकि काम करने का तरीका हमारा अपना है और आपको निरंतर सफलता दिलाना हमारा फर्ज है आपको भी सुखद परिणाम से मोह होना चाहिए | हिमांशु दोग्लों का साथ नहीं देगा कभी |
धन्यवाद
हर हर महादेव
आपका
हिमांशु राणा
टीईटी २०११ उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा , उत्तरप्रदेश
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