शामली : बीए की फर्जी डिग्री घोषित कर शिक्षामित्र को सेवा से बर्खास्त
कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के एक साल बाद पूरे मामले ने यू-टर्न ले
लिया। एक साल पूर्व शिक्षा विभाग द्वारा सीएमजे युनिवर्सिटी में सत्यापन के
लिए भेजी गई मार्कशीट कुछ दिन पूर्व सत्यापित होकर वापस आ गई।
इसके अनुसार शिक्षक नेता की डिग्री फर्जी नहीं है। पीड़ित शिक्षामित्र ने मामले में प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की है।
चौधरी मुंशाद अली चौहान निवासी गांव दभेड़ी खुर्द कैराना व प्रांतीय मंत्री उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने रविवार को नगर पालिका में प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल को उनकी नियुक्ति सहायक अध्यापक के पद पर होनी थी।
इससे ठीक दो दिन पहले ही एसडीएम कैराना के आदेश पर शिक्षा विभाग ने उनकी बीए की डिग्री को फर्जी बताते हुए उनको पद से बर्खास्त कर दिया था। उधर उस समय शिक्षा विभाग द्वारा यूनिवर्सिटी में सत्यापन के लिए भेजी गई बीए की मार्कशीट का सत्यापन आ गया, जिसमें डिग्री सही पाई गई। मुंशाद का आरोप है कि उसे उस समय षड़यंत्र के तहत फंसाया गया, क्योंकि इस यूनिवर्सिटी से पास कई अभी भी सहायक अध्यापक पद पर तैनात है उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में यह उसके खिलाफ ही कार्रवाई किए जाने से साजिश की बू आती है।
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इससे ठीक दो दिन पहले ही एसडीएम कैराना के आदेश पर शिक्षा विभाग ने उनकी बीए की डिग्री को फर्जी बताते हुए उनको पद से बर्खास्त कर दिया था। उधर उस समय शिक्षा विभाग द्वारा यूनिवर्सिटी में सत्यापन के लिए भेजी गई बीए की मार्कशीट का सत्यापन आ गया, जिसमें डिग्री सही पाई गई। मुंशाद का आरोप है कि उसे उस समय षड़यंत्र के तहत फंसाया गया, क्योंकि इस यूनिवर्सिटी से पास कई अभी भी सहायक अध्यापक पद पर तैनात है उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में यह उसके खिलाफ ही कार्रवाई किए जाने से साजिश की बू आती है।
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