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ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने वाला उप्र का पहला जिला बना गोंडा : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

कॉल सेंटर में फोन करते ही सबसे पहले कम्प्यूटर बोलेगा, ‘हैलो, मैं डीएम कॉल सेन्टर से बोल रहा हूं। आपकी क्या सहायता कर सकता हूं?’ फिर शिकायतकर्ता को नाम, पता और अपनी समस्या बतानी होगी। सूचना तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करते हुए टेक्नोक्रेट जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने आम लोगों को फोन पर शिकायत दर्ज कराने का नायाब तोहफा दिया है।
इससे गोंडा ‘ऑनलाइन’ शिकायत दर्ज करने वाला उत्तर प्रदेश का पहला जिला बन गया है। कोई भी व्यक्ति फोन करके अपनी शिकायत ‘ऑनलाइन’ दर्ज करवा सकता है। प्रदेश के कृषि मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह ने इस सुविधा का शुभारम्भ किया।

इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन से बीटेक करने के बाद प्रशासनिक सेवा में आए 2010 बैच के आइएएस आशुतोष निरंजन सर्विस डिलीवरी के लिए सूचना तकनीक के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं। इससे सेवाओं को गति मिलती है। पारदर्शिता रहने से समीक्षा भी आसान होती है।

शुक्रवार (7 मई) को जिलाधिकारी के कैम्प कार्यालय पर स्थापित किए गए डीएम कॉल सेंटर का उद्घाटन प्रदेश के कृषि मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह ने किया। उन्होंने नगर में हो रहे नाला निर्माण की गुणवत्ता ठीक कराने की शिकायत की। काल सेंटर के फोन नंबर 05262-233666 व 233888 पर फोन करके कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। यहां फोन करते ही सबसे पहले कम्प्यूटर बोलेगा, ‘हैलो, मैं डीएम कॉल सेन्टर से बोल रहा हूं। आपकी क्या सहायता कर सकता हूं?’ फिर शिकायतकर्ता को नाम, पता और अपनी समस्या बतानी होगी।

यह सूचना कंप्यूटर का ‘वॉयस लॉगर’ सुरक्षित कर लेगा। शिकायतकर्ता के मोबाइल पर शिकायत क्रमांक, जांच करने वाले अधिकारी का नाम और मोबाइल नंबर पहुंच जाएगा। शिकायत से संबंधित विभाग व अधिकारी के मोबाइल पर शिकायतकर्ता का नाम, पता, मोबाइल नम्बर समेत शिकायत का संपूर्ण विवरण पहुंच जाएगा। बाद में विवरण ई-मेल से सम्बंधित अधिकारियों को भेजा जाएगा।

अधिकारियों को शिकायतों की श्रेणी के अनुसार 24 घंटे से लेकर तीन माह के अन्दर आनलाइन निस्तारित करना होगा। जिलाधिकरी इन शिकायतों की ऑनलाइन समीक्षा करेंगे। कॉल सेंटर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की श्रेणियां बनाई हैं जिसमें समस्या के अनुसार निराकरण की समयसीमा निर्धारित की गई है।

‘ए’ श्रेणी में आग लगना, बाढ़ आना, लड़ाई-झगड़ा व मारपीट होना, गंभीर मरीज के लिए अस्पताल में डाक्टर न होना, जलापूर्ति बाधित होना, बिजली का तार टूटकर गिर जाना, गैस सिलेण्डर लीक होना जैसी तात्कालिक महत्व की सेवाओं को रखा गया है। ऐसी शिकायतों का निस्तारण 24 घंटे के भीतर किया जाएगा।

‘बी’ श्रेणी में जान से मारने की धमकी, गैस प्राप्त न होने, बिजली खराब होने सहित अनेक प्रकार की शिकायतों को तीन दिन के भीतर निस्तारित किया जाएगा।

‘सी’ श्रेणी में नल खराब होने, क्षेत्र में सफाई कर्मी के न आने, खड़जा न लगने, अस्पताल में डाक्टर के नहीं मिलने, आय, जाति निवास, निवास प्रमाण पत्र समय से न मिलने, खेतों पर कब्जा, बिजली का वोल्टेज कम आने, सरकारी विद्यालयों में शिक्षक के न आने जैसी शिकायतें होगीं जिन्हें एक सप्ताह के भीतर निस्तारित करना होगा।

‘डी’ श्रेणी में सरकारी व्यक्ति द्वारा घोटाला करने व रिश्वत लिए जाने को शामिल किया गया है। इनका निराकरण 15 दिन में किया जाएगा।

‘ई’ श्रेणी में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज होंगी जिन्हें तीन माह में निस्तारित किया जाएगा। किन्तु ऐसी शिकायतों के साथ शिकायतकर्ता को बाद में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर शपथपत्र देना होगा। यदि जांच करने पर शिकायत फर्जी पाई जाएगी तो शिकायतकर्ता के विरुद्ध भी कायर्वाही की जाएगी।
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