दूरस्थ शिक्षा वाले टेट पास भी अब बनेंगे सहायक अध्यापक : हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों को दी बड़ी राहत

विधि संवाददाता, लखनऊ : शिक्षा मित्रों को बड़ी राहत देते हुए उप्र बेसिक शिक्षा परिषद ने कहा है कि दूरस्थ शिक्षा के द्वारा बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी शिक्षा मित्र प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर होने वाली भर्ती में पात्र होंगे।
परिषद की ओर से स्थिति को स्पष्ट किए जाने के बाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उन 11 याचिकाओं का निस्तारण कर दिया है, जिनमें प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर होने वाली भर्ती से शिक्षा मित्रों को अलग किए जाने पर आपत्ति जताई गई थी।
कुल 348 शिक्षा मित्रों की ओर से दाखिल 11 याचिकाओं पर जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा परिषद, इलाहाबाद की ओर से पेश अधिवक्ता ने न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय की एकल सदस्यीय पीठ के समक्ष परिषद की ओर से जारी नौ अप्रैल, 2016 का एक पत्र पेश किया जो प्रिंसिपल, जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डायट), अंबेडकर नगर को संबोधित था। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि जिन शिक्षा मित्रों ने दो वर्ष का बीटीसी प्रशिक्षण दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से किया है, वे सभी सहायक अध्यापक के पदों पर आवेदन कर सकते हैं। वहीं न्यायालय ने अपने आदेश में एनसीइटी के उस अनुमोदन का भी जिक्र किया, जिसमें शिक्षा मित्रों के दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण को स्वीकृति दी गई है। न्यायालय ने बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से स्थिति स्पष्ट किए जाने पर याचिका को निस्तारित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि इन याचिकाओं में 25 जून के शासनादेश और 28 जून के विज्ञापन को चुनौती देते हुए कहा गया था कि दो वर्ष की बीटीसी ट्रेनिंग दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से करने वाले शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर होने वाली भर्ती से वंचित कर दिया गया है। इस विज्ञापन के माध्यम से प्राथमिक विद्यालयों में कुल 16,448 सहायक पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मंगाए गए हैं। याचियों की ओर से दलील दी गई थी कि यह शासनादेश और विज्ञापन उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (शिक्षक) सेवा नियम-1981 के प्रावधानों के प्रतिकूल हैं। न्यायालय ने मामले पर अंतरिम आदेश देते हुए याचियों को आवेदन करने व काउंसिलिंग की अनुमति देने के निर्देश भी दिए थे।


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