शिक्षा मित्र समूह को एक नसीहत : Himanshu Rana

हिन्दुस्तान की बहुचर्चित और विवादास्पद भर्ती 72825 में हुए व्यापक भ्रष्टाचार को लेकर शिक्षा मित्रों के द्वारा विशेष अनुज्ञा याचिका माननीय उच्चत्तम न्यायालय में अग्रसर है ।

शिक्षा मित्र समूह को एक नसीहत - उल्लेखित याचिका में मौजूदा सरकार के आला अधिकारियों को अवश्य पार्टी बनाएं और अपने द्वारा ऐसे तथ्यों को पेश अवश्य करें कि अधिकारी पूरी भर्ती जो कि सपा सरकार के सुप्रीमो की नाक के नीचे हो रही है पर ये कहने को मजबूर हो कि साहब आपके द्वारा फर्जी को बाहर करने को लेकर चेताने पर भी इस भर्ती को इतने भ्रष्टाचार के पश्चात यहाँ तक पहुंचाने का पूरा श्रे श्री श्री अखिलेश यादव जी को जाता है ।
इसके 2 परिणाम होंगे या तो मुख्यमन्त्री जी स्वयं इस भर्ती को पाकसाफ कह देंगे और उसके लिए सक्रातमक तथ्य पेश करवाएंगे अधिकारियों से या वे शिक्षा मित्रों के हितैषी बनकर तिहाड़ का रास्ता अपनाएंगे क्योंकि भर्ती हो कैसे गई अगर इतना व्यापक भ्रष्टाचार है तो ?
शिक्षा मित्रों का दोनों ही सूरतों में फायदा होगा अगर केस तरीके से सुना गया तो - उन्हें स्वयं पता चल जाएगा कि उनका हितैषी कौन है ?
बाकी अपने केस की पैरवी को स्वयं वो कमजोर कर रहे हैं इस प्रकार के तथ्यों को पेश करके क्योंकि दूसरों के पाप गिनाने से स्वयं खुद के कम नहीं हो जाते ।
टीईटी देना न देना अलग बात है बाकी कोई टीईटी करके आया है उसके टेट को चैलेंज करना कि इसमें ये कोढ़ है कहीं से भी राहत नहीं देगा बाकी टीईटी के नेता अपनी ओएमआर को कार्बन कापी संभाल लें अगर वे वाकई पाकसाफ है तो बाकी याची तो समझदार हैं ही क्योंकि इस याचिका के पश्चात उनका पक्ष और भी मजबूत होगा परिणामस्वरूप जल्द ही प्राथमिक शिक्षा का कोढ़ माननीय उच्चत्तम न्यायालय के मुख से निकलने वाले गंदक के जल से साफ़ हो जाएगा ।
जीविका और सम्मान से कोई समझौता नहीं ।
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