स्कूलों में अनिवार्य होगा स्काउट गाइड विषय

बुलंदशहर : बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को अनिवार्य रूप से स्काउटिंग गाइडिंग की शिक्षा देनी होगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर दिया है।
उन्होंने कहा है कि बच्चों को मजबूत बनाने के लिए स्काउटिंग और गाइडिंग की शिक्षा जरूरी है। इसी से बच्चों का बौद्धिक और शारीरिक विकास होगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं को अनिवार्य रूप से स्काउटिंग गाइडिंग की शिक्षा लेनी होगी। बेसिक शिक्षा निदेशक ने सूबे के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि जूनियर स्कूलों में स्काउटिंग गाइडिंग की शिक्षा एक दम समाप्त हो गई है। छात्र-छात्राएं केवल किताबी ज्ञान तक सीमित होकर रह गए हैं। शिक्षक भी बच्चों को कुछ नया नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि स्काउट गाइड कार्यक्रम अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि यह विषय लागू होने से बालक बालिकाओं में शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक क्षमता का भी विकास होता है। कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने विकास खंड में अवस्थित जूनियर हाईस्कूल स्तर के अधिकतम संख्या वाले विद्यालयों में दल गठित कर जिला संस्था के माध्यम से उत्तर प्रदेश भारत स्काउट गाइड प्रादेशिक मुख्यालय में न्यूनतम 16 बच्चों के एक दल का पंजीकरण कराया जाए। प्रत्येक स्काउट दल के लिए एक प्रभारी शिक्षक और शिक्षिका नामित किया जाए, विद्यालयों के मुख्य द्वार पर स्काउट गाइड का चिह्न निर्धारित रंग में पेंट कराया जाए, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के सहयोग से समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए स्काउट गाइड के बच्चे जागरूकता अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि स्काउट गाइड की ब्लाक, जिला स्तरीय रैली का आयोजन अक्टूबर व नवंबर के माध्यम तक पूरा करा लिया जाए। बेसिक शिक्षा अधिकारी वेदराम ने बताया कि आदेश के अनुसार उच्च प्राथमिक विद्यालयों में टीम गठित की जाएंगी। उसी के आधार पर कार्य किया जाएगा और प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाएंगी।
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